15.10 करोड़ से बने मॉडल स्कूल हो रहे खंडहर
विद्यालय बनने के बावजूद खंडहर पड़ा हुआ।PC: अमर उजाला
जिले में ग्रामीण एवं गरीब विद्यार्थियों का मॉडल स्कूलों के माध्यम से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का सपना धूल धूसरित हो रहा है। इन विद्यालयों के भवन पिछले पांच से शोपीस बने खडे़ हैं, लेकिन सरकार इन विद्यालयों का संचालन ही नहीं कर पाई है।
प्रदेश सरकार ने सीबीएसई की तर्ज पर जिले में पांच मॉडल स्कूलों के भवनों का निर्माण कराकर ग्रामीण एवं गरीब विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का दिलाने का निर्णय लिया था। प्रदेश सरकार ने इन पांचों मॉडल स्कूलों के निर्माण पर 15.10 करोड़ रुपया तो खर्च कर दिया, लेकिन निर्माण के बाद से आज तक इन भवनों में विद्यालयों का संचालन ही नहीं हो पाया है, जिससे करोड़ों की लागत से बने यह विद्यालय भवन चालू होने से पहले ही खंडहर होते जा रहे हैं।
हालात यह हैं कि करीब तीन साल पूर्व तो इन विद्यालय भवनों को निर्माण इकाई ने निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद विभाग को हैंडओवर कर दिया था। इनके निर्माण में भी करीब तीन साल का वक्त लगा था। जब से यह भवन लगातार उसी हालात में बने खडे़ हैं। पिछले कुछ समय से अब इन भवनों को कुछ अराजक तत्वों ने अपना ठिकाना बना लिया है।
विद्यालय भवनों से आसपास के लोगों ने बड़ी संख्या में सामान भी गायब कर दिया है, क्योंकि इन भवनों में खिड़की जंगले, सबमर्सिबल और हैंडपंप आदि काफी सामान भी था। माध्यमिक शिक्षा विभाग अब इन विद्यालयों के संचालन ओर सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
-मॉडल स्कूलों के भवनों के बारे में लगातार शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। शासन द्वारा इन विद्यालयों के संबंध में जो भी निर्णय लिया जाएगा, उस पर विधिवत रूप से कार्रवाई होगी।
-जेके मलिक, डीआईओएस हाथरस