फतेहपुर : बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों के संचालकों ने सख्ती देखकर नया पैतरा खोजा, विभाग के पास अब तक कुल 98 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने अस्थाई मान्यता के लिए विभाग की सख्ती से बचने के लिए आवरण धारण करने का मन बना लिया
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों के संचालकों ने सख्ती देखकर नया पैतरा खोज निकाला है। टीन शेड और छप्पर के नीचे संचालित हो रहे स्कूल संचालकों ने अस्थाई मान्यता के लिए आवेदन कर रखा है। विभाग के पास अब तक कुल 98 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने अस्थाई मान्यता के लिए विभाग की सख्ती से बचने के लिए आवरण धारण करने का मन बना लिया है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा के लिए संचालित होने वाले स्कूलों की मान्यता शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग देता है। स्कूल संचालक को विभिन्न मानक पूरे करने होते हैं। जिले में स्कूल संचालन का काम पटरी से उतरा हुआ है। विभाग के नियमों को दर किनार करते हुए बिना मान्यता के स्कूलों का संचालन हो रहा है। इन स्कूलों में संचालन की शर्तें इक्का-दुक्का ही दिखाई देती हैं। छुटभैया स्कूल से लेकर नामी गिरामी स्कूल विभाग की शिथिलता का लाभ उठाकर स्कूलों का संचालन कर रहे हैं। कमरों के स्टैंडर्ड साइज का अता पता नहीं है, तो टीन शेड और छप्पर के नीचे कक्षाएं संचालित हो रही हैं। यह अव्यवस्था मुख्यालय से लेकर गांव तक हो रही है। तीन माह पूर्व विभाग द्वारा इनके खिलाफ अभियान चलाया गया। अवैध तरीके से स्कूल संचालन बंद करने का फरमान सुनाया गया। खास बात यह रही कि एक भी स्कूल का संचालन बंद नहीं हुआ। सभी अवैध स्कूल उसी तरह से संचालित हो रहे हैं। विभाग की सख्ती देखकर अस्थाई मान्यता की अलबत्ता फाइल जमा कर दी है। बीएसए विनय कुमार ¨सह ने कहाकि अस्थाई मान्यता के लिए 98 फाइलें आईं हैं। जिनका सत्यापन खंड शिक्षाधिकारी द्वारा कराया जाएगा। प्रारंभिक सालों में तीन साल के लिए अस्थाई मान्यता दिए जाने का प्राविधान है। मानक एवं शर्तों को पूरा करने वाले स्कूलों को ही अस्थाई मान्यता दी जाएगी।
📌 फतेहपुर : बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों के संचालकों ने सख्ती देखकर नया पैतरा खोजा, विभाग के पास अब तक कुल 98 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने अस्थाई मान्यता के लिए विभाग की सख्ती से बचने के लिए आवरण धारण करने का मन बना लिया
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