मैनपुरी के राजकुमार का जुनून है बच्चों को निशुल्क पढ़ाना
खेती उनका पेशा है। लेकिन जुनून पढ़ाने का है। खेती के काम से फुर्सत मिली तो बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। स्नातक करने के बाद प्राईवेट नौकरी की लेकिन मन नहीं लगा। दूसरे जिलों में भी नौकरी की तलाश की लेकिन सुकून नहीं मिला तो उन्होंने शिक्षा के स्तर को सुधारने का अपना मकसद बना लिया। वे अब गांव में खेती करते हैं और बच्चों को शिक्षित करते हैं। यह कहानी है कुंदनपुर के बीए पास राजकुमार की।
बीते कई सालों से किशनी क्षेत्र के ऊंचा इस्लामाबाद मौजा के ग्राम कुन्दनपुर के प्राथमिक विद्यालय में कुंदनपुर निवासी राजकुमार पुत्र रघुनाथ सिंह पढ़ा रहे हैं। गांव में उनके इस जुझारुपन से लोग बेहद प्रभावित हैं। समय से विद्यालय आते हैं,स्कूल में पढ़ाने का कोई शुल्क नहीं लेते हैं। राजकुमार कहते हैं कि गांव में शिक्षा का स्तर उठाना ही उनके जीवन का मकसद है।
समाज को देना चाहते हैं नई दिशा
राजकुमार ने जब बीए किया तो नौकरी करने का दबाव बना। जिसके चलते फिरोजाबाद मे उन्होने प्राइवेट स्कूल खोला। लेकिन एक साल में ही बंद कर गांव लौट आए। राजकुमार बताते हैं कि प्राइवेट नौकरी भी की लेकिन उनका मन नहीं लगा। उन्हें कुछ ऐसा करना था जिससे समाज को नई दिशा मिले।
प्यार और आदर से बच्चे पुकारते हैं गुरुजी
राजकुमार के दो संताने हैं,एक लड़का एक लड़की। यह अभी छोटे हैं। जब तक स्कूल खुलता है तो स्कूल जाकर पढ़ाना राजकुमार की दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है। बच्चे भी राजकुमार से बेहद लगाव रखते है और प्यार और आदर से उन्हे गुरु जी पुकारते हैं। स्कूल में सहायक अध्यापक किरण पाल और प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार तैनात हैं। प्रधानाध्यापक का कहना है कि राजकुमार बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देते हैं। जो आज के दौर में कम ही देखने को मिलता है।