बीटीसी कालेजों में हाजिरी का खेल
हाथरस : जिले में करीब एक दर्जन बीटीसी कालेज संचालित हैं, जिसमें प्राइवेट कालेजों की सं
हाथरस : जिले में करीब एक दर्जन बीटीसी कालेज संचालित हैं, जिसमें प्राइवेट कालेजों की संख्या अधिक है। दूर-दराज के जिलों से आने वाले अभ्यर्थी कालेज संचालकों से सेटिंग करके अपनी हाजिरी पूरी कराते हैं। इसकी एवज में संचालक मनमानी रकम अभ्यर्थियों से वसूलते हैं।
सहायक अध्यापक का दर्जा पाने से पूर्व दो साल का बीटीसी प्रशिक्षण अभ्यर्थियों को लेना पड़ता है। उसके बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही सहायक अध्यापक बन पाते हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के अलावा भी प्राइवेट कालेजों से प्रशिक्षण छात्रों को दिलाया जाता है। काउंस¨लग के जरिए अभ्यर्थियों को कालेज आवटित किया जाता है। बताते चलें कि दूर दराज के जिलों से आने वाले तमाम अभ्यर्थी, जो नियमित नहीं आते, उनकी हाजिरी के लिए सेटिंग का खेल चलता है। संचालक ऐसे अभ्यर्थियों को हाजिरी कम रहने का खौफ दिखाते हैं और हाजिरी पूरी कराने को लेकर कालेज संचालकों से सेटिंग कर कभी-कभार ही कालेज आते हैं, जबकि उनकी हाजिरी नियमित लगती है। अभ्यर्थियों की हाजिरी पूरी करने की एवज में संचालक मनमानी रकम वसूलते हैं। जिले में संचालित कई बीटीसी कालेजों में यह खेल चल रहा है। प्राइवेट कालेजों पर शिकंजा नहीं कसा जा सकता, क्योंकि वे अपने कालेज के मालिक होते हैं मगर इससे शिक्षा का स्तर जरूर गिर रहा है।