बरेली : परीक्षा देने आए बच्चों से स्कूलों में लगवाई झाड़ू, यदि किसी स्कूल में बच्चों से काम लिया जा रहा है तो यह गलत है - बीएसए ऐश्वर्या लक्ष्मी
बरेली । नगर निगम के कैंपस में बने प्राथमिक स्कूल में मंगलवार को परीक्षा रोककर बच्चों से झाड़ू लगवाई गई। इतना ही नहीं मिड डे मील बांटने के लिए स्टाफ न होने से मासूमों को भोजन भी परोसना पड़ा। बीएसए ने बच्चों से झाड़ू लगवाए जाने के मामले की जांच शुरू कर दी है।
शहर की सफाई के लिए जिम्मेदार निगम के कैंपस में स्थित प्राथमिक विद्यालय कालीबाड़ी-द्वितीय में सुबह 11:30 बजे का नजारा चौंकाने वाला था। यहां शिक्षिका कुर्सी पर बैठी हुई थी। अन्य दो कक्षाओं में शिक्षक नहीं थे। स्कूल परिसर में कुछ बच्चे झाड़ू लगाकर कूड़ा इकट्ठा कर रहे थे। पूछने पर बोले, यह तो रोज का काम है। बताया कि सुबह स्कूल खुलते वक्त और बीच में बच्चे ही क्लास और परिसरर में झाड़ू लगाते हैं। इसके अलावा दोपहर में मिड डे-मील आने से पहले सफाई कराई जाती है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी का कहना है कि यदि किसी स्कूल में बच्चों से काम लिया जा रहा है तो यह गलत है। सोमवार को मैंने निरीक्षण के दौरान बच्चों से काम लेने पर एक हेडमास्टर को कड़ी चेतावनी दी थी। बच्चों के काम लेने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
नगर शिक्षा अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि पवार का कहना है कि बच्चों से झाड़ू लगवाने की सूचना मिली है। ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों से इस संबंध में जवाब तलब किया जा रहा है। बच्चों की जिम्मेदारी स्कूल में तैनात स्टाफ की बनती है।
बरेली के मेयर डॉ. आईएस तोमर का कहना है कि बच्चे स्कूल शिक्षा लेने आते हैं। उनसे झाड़ू लगवाना इंसानियत नहीं है। ऐसा करने वाले सजा के हकदार हैं। इस मामले में शिक्षा विभाग को गंभीरता दिखानी होगी।
अंग्रेजी की थी परीक्षा
स्कूल में मंगलवार को कक्षा तीन, चार और पांच में अंग्रेजी का एग्जाम था। लेकिन एग्जाम से पहले बच्चों को झाड़ू थमा दी गई। स्कूल की एक ब्रांच में 55, दूसरी में 37 और तीसरी में 36 बच्चे हैं। बावजूद इसके यहां न तो कोई सफाई कर्मचारी और न ही कोई चपरासी है।
खाना भी खुद परोसा
दोपहर को मिड-डे मील में भगोने में चावल और बाल्टी में मिक्स दाल आई। काफी देर इंतजार के बाद भी जब कोई परोसने वाला नहीं आया तो मासूमों ने खुद भोजन परोस लिया। शिक्षिकों से जब इस बाबत पूछा तो उन्होंने कहा कि मिड-डे मील बांटने के लिए कोई स्टाफ नहीं है। बच्चे खुद ही भोजन परोस लेते हैं। हालांकि नियम यह है कि मिड-डे मील के भोजन की गुणवत्ता परखने के बाद ही बच्चों को दिया जाएगा।
📢 तो क्या अब शिक्षक सफाई कर्मचारी का भी काम करेंगे? सफाई कर्मचारीयों की नियुक्ति किस लिए हुई जब विद्यालय खुलेगा और सफाई नहीं रहेगी तो 'कौन करेगा यह भी तो अधिकारीगण स्पष्ट करें........क्या शिक्षक ही झाड़ू लगायेगा या कोई और ?
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