भत्तों में नहीं मिलेगा एरियर का फायदा
इलाहाबाद। सातवें वेतन आयोग के तहत जो भत्ते बढ़ाए या हटाए गए, उन पर अब तक कुछ नहीं हुआ है। विसंगतियों को लेकर केंद्र की ओर से गठित समिति मंथन कर रही है। अगर न्यूनतम वेतन बढ़ता है तो लाभ जनवरी-2016 से मिलेगा लेकिन भत्तों के मामले में ऐसा नहीं होगा। इस बार केंद्रीय कर्मियों को पुनरीक्षित भत्ते लागू होने के बाद कोई एरियर नहीं मिल पाएगा
सातवें वेतन आयोग के तहत सरकार ने एचआरए समेत कई भत्ते पुनरीक्षित किए तो कई भत्ते हटा दिए। कर्मचारी भत्तों में पुनरीक्षण से संतुष्ट नहीं हैं और जो भत्ते हटाए गए हैं, उन्हें वापस लागू करने की मांग कर रहे हैं। न्यूनतम वेतन में भी बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। कर्मचारियों की मांग पर विचार के लिए सरकार ने एक कमेटी बना दी है। ऐसे में कर्मचारियों को फिलहाल छठें वेतन आयोग के तहत ही भत्तों का भुगतान हो रहा है। जब तक कमेटी की सिफारिशें सामने नहीं आतीं, तब तक पुनरीक्षित भत्तों का फायदा कर्मचारियों को नहीं मिलेगा। हालांकि अब तक भत्तों का लाभ पुनरीक्षण संबंधी आदेश जारी होने की तिथि से दिया जाता है। ऐसे में पुनरीक्षित भत्ते जिस दिन से लागू होंगे, फायदा भी उसी तारीख से मिलेगा जबकि पुनरीक्षत वेतन का लाभ सातवें वेतन आयोग लागू होने की तिथि से दिया जाएगा। इन परिस्थतियों में बढ़े हुए वेतन का एरियर तो जनवरी-2016 से मिल जाएगा लेकिन पुनरीक्षित भत्तों में कोई एरियर नहीं मिलेगा।
‘कमेटी की सिफारिशें न आने से कर्मचारियों को नुकसान और सरकार को फायदा हुआ है। पुनरीक्षित भत्ते जितनी देर से लागू होंगे, सरकार का उतना पैसा बचेगा। कर्मचारियों को हर माह भत्तों में नुकसान हो रहा है। अगर सातवें वेतन आयोग के साथ पुनरीक्षित भत्ते लागू कर दिए गए होते तो वर्तमान में कर्मचारियों को भत्ते बढ़कर मिलते। पुनरीक्षित भत्ते अगर अगले वर्ष लागू किए जाते हैं तो कर्मचारियों को कम से कम एक वर्ष के एरियर का नुकसान होगा।’
हरिशंकर तिवारी (पूर्व सहायक महासचिव, ऑल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट एसोसिएशन)