एक लाख शिक्षकों के भाग्य का फैसला कल
उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नौकरी पा चुके तकरीबन एक लाख शिक्षकों के भाग्य का फैसला बुधवार को होगा। टीईटी मेरिट समेत अन्य मुद़्दों पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को होने जा रही सुनवाई पर इन शिक्षकों की निगाह टिकी हुई है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दो नवंबर 2015 को जो चार सवाल उठाए थे उनमें टीईटी वेटेज भी था। यानि सहायक अध्यापकों की भर्ती में टीईटी के अंकों को वरीयता दिया जाए या नहीं। इसके बाद एकेडमिक मेरिट पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों ने भी याचिका की जिसमें 31 मई 2013 के हाईकोर्ट की फुल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई है। क्योंकि हाईकोर्ट ने टीईटी मेरिट पर भर्ती को सही ठहराया था।
एकेडमिक मेरिट पर नियुक्त शिक्षकों का तर्क है कि भर्ती प्रक्रिया में टीईटी अंकों को वेटेज देना अनिवार्य नहीं है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) भी आरटीआई के जवाब में स्वीकार कर चुका है कि टीईटी अंकों को वेटेज देना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।
सपा सरकार के कार्यकाल में प्राथमिक स्कूलों में 10,800, 10 हजार, 15 हजार, 16,448 आदि और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती एकेडमिक मेरिट के आधार पर हो चुकी है।