कासगंज : सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरीत दो बार आरक्षण के आधार पर पदोन्नति पा चुके शिक्षकों की जिलाधिकारी ने जांच शुरू करा दी
जागरण संवाददाता, कासगंज : सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरीत दो बार आरक्षण के आधार पर पदोन्नति पा चुके शिक्षकों की जिलाधिकारी ने जांच शुरू करा दी है। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग से दस्तावेज तलब कर स्वयं निगरानी शुरू की है।
वर्ष 2009 में बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्त हुए लगभग 100 शिक्षकों को वर्ष 2011 में आरक्षण के आधार पर पदोन्नत कर दिया गया था। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आया कि सरकारी विभागों में आरक्षण का लाभ दो बार नहीं लिया जा सकता। इस आदेश के बाद विभिन्न विभागों के आरक्षित कर्मचारियों को पदावनत कर दिया गया लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में शासन को सूची भेजने तक ही कार्रवाई सिमट गई। जागरण ने जब इसका खुलासा किया तो जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लिया है। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने स्वयं की निगरानी में जांच शुरू करा दी। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से वर्ष 2013 एवं 2015 के दस्तावेज तलब कर लिए। जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने दो पत्रावलियां तलब की गईं इसमें नियमानुसार शिक्षकों को पदोन्नत करना पाया गया है। जिले में अभी तक ऐसे शिक्षक नहीं मिले हैं जिन्हें पदोअवनत होना था।