उत्तराखंड में गेस्ट टीचरों को बड़ा झटका, महीने भर में ही नौकरी से हुई छुट्टी!, नाराज गेस्ट टीचरों ने 20 अक्तूबर से शिक्षा निदेशालय में आमरण अनशन शुरू करने का एलान किया
प्रदेश में कुछ गेस्ट टीचरों की नियुक्ति के एक महीने बाद सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इससे नाराज गेस्ट टीचरों ने 20 अक्तूबर से शिक्षा निदेशालय में आमरण अनशन शुरू करने का एलान किया है। संगठन ने दीपावाली न मनाने का भी निर्णय लिया है।
संगठन ने कहा कि दिवाली पर सरकार विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को प्रमोशन और बोनस का तोहफा देने जा रही है। वहीं, उनके साथ नियुक्ति के नाम पर मजाक किया गया है।
नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलनरत गेस्ट टीचरों को इसी वर्ष सितंबर में नियुक्तियां मिलीं, लेकिन नियमित टीचरों के मिलते ही कुछ गेस्ट टीचरों को कार्यमुक्त कर दिया गया है। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के दौरान खुद मुख्यमंत्री उनके आंदोलन में शामिल हुए।
उनके समर्थन में वे पूरी रात कनक चौक पर धरने पर रहे। वहीं, शिक्षा मंत्री ने भी कई दिनों तक उनके समर्थन में सड़क पर धरना दिया, लेकिन अब नियुक्ति के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। संगठन के प्रांतीय मीडिया प्रभारी दौलत जगूड़ी ने कहा कि सरकार ने उनके लिए सुरक्षित भविष्य का वादा किया, लेकिन गेस्ट टीचरों को अब बाहर किया जा रहा है।
30 से अधिक गेस्ट टीचरों को बाहर कर दिया गया है। इसके विरोध में गेस्ट टीचर दिवाली नहीं मनाएंगे। वहीं, संगठन 20 अक्तूबर से शिक्षा निदेशालय में आमरण अनशन शुरू करेगा।
केस नंबर एक
राजकीय इंटर कॉलेज बग्याली जनपद पौड़ी गढ़वाल में कार्यरत गेस्ट टीचर कृष्ण चंद पंत को नियमित टीचर के कार्यभार ग्रहण करने पर चार अक्तूबर 2016 को कार्यमुक्त कर दिया गया। स्कूल प्रिंसिपल ने अपने आदेश में कहा कि अपर निदेशक गढ़वाल मंडल के आदेश पर उन्हें कार्यमुक्त किया जाता है।
केस नंबर दो
टिहरी जाखणीधार ब्लॉक के जीआईसी कलोग में कार्यरत सहायक अध्यापक एलटी राजेश लाल की नियमित टीचर के कार्यभार ग्रहण करने पर सेवा समाप्त कर दी गई। तीन अक्तूबर 2016 को यह कहते हुए कि नियमित टीचर की नियुक्ति होने पर उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं।