लखनऊ : फर्जी शिक्षकों की नियुक्तियों की शिकायत राज्यपाल से, राजधानी के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में 35 शिक्षकों की अनियमित नियुक्तयों का मामला इन शिक्षकों की नियुक्ति पर उठे सवाल
डेली न्यूज़ नेटवर्कलखनऊ। राजधानी के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियम विरुद्ध की गईं शिक्षकों की नियुक्तियों का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्ष 1990 से 2007 तक के बीच शहर के कॉलेजों में की गईं इन नियुक्तियों की शिकायत इस बार राज्यपाल रामनाईक से की गई है। यह शिकायत अनुसूचित जाति। जनजाति पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक माध्यमिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने की है। जिसमें कहा गया है कि शासन इन फर्जी शिक्षकों को विनियमित करने जा रहा है, जो कि नियम विरुद्व है। इसलिए जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए।
राज्यपाल को भेजी गई शिकायत में एसोसिएशन के अध्यक्ष यशपाल सिंह का आरोप है कि 13 एडेड स्कूलों के प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों एवं तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षकों की सांठ-गांठ से 1990 से 2007 तक करीब 35 शिक्षकों की नियम विरुद्ध नियुक्तियां की गईं। शासन की जांच में भी यह नियुक्तियां अनियमित पाई गईं। इन विद्यालयों के प्रबंधक माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 एवं उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 में विहित प्राविधानुसार चयन प्रक्रिया का पालन न करने के दोषी हैं, जिन पर 16 डी के तहत कार्यवाही पिछले तीन साल से लंबित है। अब कार्रवाई की जगह इन शिक्षकों को विनियमित किया जा रहा है।
नीरजा मिश्रा, रत्नेश तिवारी, रेनू गर्ग, राम प्रताप सिंह, विभा बाजपेई, रीता स्वरूप, आलोक कुमार मिश्रा, शशि मणि त्रिपाठी, सोहन लाल, राम प्रसाद, श्याममूर्ति पांडेय, सुशीला शुक्ला, विश्वजीत, रवींद्र कुमार पांडेय, बसंत लाल, सुनील कुमार अवस्थी, अरुण कुमार अवस्थी, सुशील कुमार गुप्ता, साधना पांडेय, राजेश कुमार त्रिपाठी, राम शंकर त्रिपाठी, रतीभान सिंह, निर्मला देवी, गिरजा शंकर मिश्रा, गीता रानी, सुहैल हबीब खां, सै. हुसैन मो. रिजवी, नीरजा मिश्रा, शीलू रस्तोगी, रानी वार्ष्णेय, अनिल कुमार त्रिपाठी, गिरिजा कुमार पांडेय, संजय तिवारी, सुनील कुमार मिश्रा, नवनीत कुमार।