रायबरेली : बीएसए के खिलाफ शिक्षक संघ लामबंद, आंदोलन की चेतावनी, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा बीएसए के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी तो 7 दिसंबर को सभी स्कूलों में तालाबंदी तथा बीएसए कार्यालय पर दिया जाएगा धरना
जागरण संवाददाता, रायबरेली : बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ शिक्षक संघों ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। प्राथमिक, जूनियर व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने विरोध प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा। मांग की गई है कि बीएसए को पद से हटाकर जांच कराई जाये। यदि ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने बीएसए के खिलाफ प्रदर्शन किया। कहा गया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में किसी भी कर्मचारी के पटल का वितरण नहीं किया गया है। 16448 की शिक्षक भर्ती में मनमाने तरीेके से किए संसोधन की जांच की जाए, पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति में किए गए संसोधन की जांच हो, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में आए शिक्षकों को विद्यालय आवंटन के बाद तय किए गए विद्यालय व विकास क्षेत्र में संसोधन हो, सहायक अध्यापकों की पदोन्नति में जिला पदोन्नति समिति द्वारा अनुमोदित 199 पदों के अतिरिक्त मनमाने तरीके से बिना काउंसलिंग लिए पदोन्नति करना आदि मांग की। यदि बीएसए के खिलाफ कार्रवाई न की गयी तो 7 दिसंबर को सभी स्कूलों में तालाबंदी होगी तथा बीएसए कार्यालय पर धरना दिया जाएगा। अध्यक्ष दिनेश बहादुर सिंह, मुकेश चंद्र दिवेदी, समर बहादुर सिंह, रघवेंद्र यादव रहे।
मानदेय की मांगी गयी सूची : माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव व शिक्षा निदेशक ने जिला विद्यालय निरीक्षकों के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं कि 28 नवंबर 2010 तक मान्यता प्राप्त वित्तविहीन हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के शिक्षकों के मानदेय की सूची भेज दी जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई होगी। शिक्षक नेता पुष्पेंद्र तिवारी ने बताया कि सूची न जमा करने पर ऐसे विद्यालय परीक्षा केंद्र से हटा दिए जाएंगे। मान्यता प्रत्याहरण की फाइल इलाहाबाद भेजी जएगी। शिक्षकों के उत्पीड़न पर प्रबंधक पर कार्रवाई की जाएगी।
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जागरण संवाददाता, रायबरेली : बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ शिक्षक संघों ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। प्राथमिक, जूनियर व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने विरोध प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा। मांग की गई है कि बीएसए को पद से हटाकर जांच कराई जाये। यदि ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने बीएसए के खिलाफ प्रदर्शन किया। कहा गया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में किसी भी कर्मचारी के पटल का वितरण नहीं किया गया है। 16448 की शिक्षक भर्ती में मनमाने तरीेके से किए संसोधन की जांच की जाए, पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति में किए गए संसोधन की जांच हो, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में आए शिक्षकों को विद्यालय आवंटन के बाद तय किए गए विद्यालय व विकास क्षेत्र में संसोधन हो, सहायक अध्यापकों की पदोन्नति में जिला पदोन्नति समिति द्वारा अनुमोदित 199 पदों के अतिरिक्त मनमाने तरीके से बिना काउंसलिंग लिए पदोन्नति करना आदि मांग की। यदि बीएसए के खिलाफ कार्रवाई न की गयी तो 7 दिसंबर को सभी स्कूलों में तालाबंदी होगी तथा बीएसए कार्यालय पर धरना दिया जाएगा। अध्यक्ष दिनेश बहादुर सिंह, मुकेश चंद्र दिवेदी, समर बहादुर सिंह, रघवेंद्र यादव रहे।
मानदेय की मांगी गयी सूची : माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव व शिक्षा निदेशक ने जिला विद्यालय निरीक्षकों के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं कि 28 नवंबर 2010 तक मान्यता प्राप्त वित्तविहीन हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के शिक्षकों के मानदेय की सूची भेज दी जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई होगी। शिक्षक नेता पुष्पेंद्र तिवारी ने बताया कि सूची न जमा करने पर ऐसे विद्यालय परीक्षा केंद्र से हटा दिए जाएंगे। मान्यता प्रत्याहरण की फाइल इलाहाबाद भेजी जएगी। शिक्षकों के उत्पीड़न पर प्रबंधक पर कार्रवाई की जाएगी।