कुशीनगर : आखिरकार किसका आदेश मानें शिक्षक, कसया में बीइओ पद को लेकर उपजे इस हालात के पीछे बीएसए द्वारा जारी फरमान है
प्रद्युम्न कुमार शुक्ल, पडरौना । जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पन्ना राम गुप्ता द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी पडरौना को कसया विकास खंड का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने का आदेश आज शिक्षकों के बीच अजीबोगरीब सवाल बनकर खड़ा हो गया है। संबंधित शिक्षक अधेड़बुन में हैं और यह नहीं समझ पा रहे कि आखिर वह किसके आदेश का पालन करें। एक-एक कर आज महीना पूरा होने को आ गया, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। ऐसे में कसया विकास क्षेत्र के लगभग साढ़े छह सौ शिक्षक अपने बीइओ को लेकर असमंजस में हैं।
कसया में बीइओ पद को लेकर उपजे इस हालात के पीछे दरअसल बीएसए द्वारा जारी वह फरमान है, जब उन्होंने 24 अक्टूबर 2016 को एक पत्र जारी कर कसया के बीइओ धीरेंद्र त्रिपाठी का तबादला विशुनपुरा करते हुए पडरौना के खंड शिक्षा अधिकारी अजय तिवारी को कसया विकास खंड का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने का आदेश दिया। इधर आदेश मिलने के दो दिन बाद 26 अक्टूबर को बीइओ पडरौना अजय तिवारी कसया बीआरसी पहुंचे और कार्यभार ग्रहण करने की औपचारिकता पूरी करने में जुटे थे कि इस दौरान पहुंचे कसया बीइओ ने चार्ज देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद कसया बीइओ पद को लेकर बीएसए द्वारा लिए गए इस फैसले पर विभाग में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। बीएसए के निर्णय पर सवाल उठने लगे। कहा तो यहां तक जा रहा कि बीएसए का यह फैसला उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है। बीइओ के स्थानांतरण से पूर्व सचिव या निदेशक का अनुमोदन आवश्यक है, जिसका अनुपालन इस मामले में नहीं किया गया है। कसया बीइओ पद पर तैनाती को लेकर आलम यह रहा कि दोनों ही अफसर बीइओ कसया के तौर पर कई विभागीय कार्यक्रमों में भी एक साथ नजर आए।
निदेशक के आदेश पर हूं
बीइओ कसया धीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि बेसिक शिक्षा निदेशक के आदेश पर मेरा तबादला गोरखपुर से खंड शिक्षा अधिकारी कसया पद पर हुआ है। निदेशक के आदेश क्रम में ही कसया बीइओ पद पर बना हुआ हूं। मेरा तबादला सचिव, निदेशक के बिना अनुमोदन के किया गया है, जो गलत है। बिना अनुमोदन के बीइओ को अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता पर मूल ब्लाक नहीं बदला जा सकता।
बोले बीएसए : कसया बीइओ पद पर किसकी तैनाती होने के सवाल पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पन्ना राम गुप्त ने कहा कि फिलहाल इस मुद्दे पर मैं अभी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हूं। न्यायालय से जुड़े जरुरी कार्यों को देख रहा हूं, फुर्सत होने पर इस बारे में विचार किया जाएगा।
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प्रद्युम्न कुमार शुक्ल, पडरौना । जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पन्ना राम गुप्ता द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी पडरौना को कसया विकास खंड का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने का आदेश आज शिक्षकों के बीच अजीबोगरीब सवाल बनकर खड़ा हो गया है। संबंधित शिक्षक अधेड़बुन में हैं और यह नहीं समझ पा रहे कि आखिर वह किसके आदेश का पालन करें। एक-एक कर आज महीना पूरा होने को आ गया, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। ऐसे में कसया विकास क्षेत्र के लगभग साढ़े छह सौ शिक्षक अपने बीइओ को लेकर असमंजस में हैं। कसया में बीइओ पद को लेकर उपजे इस हालात के पीछे दरअसल बीएसए द्वारा जारी वह फरमान है, जब उन्होंने 24 अक्टूबर 2016 को एक पत्र जारी कर कसया के बीइओ धीरेंद्र त्रिपाठी का तबादला विशुनपुरा करते हुए पडरौना के खंड शिक्षा अधिकारी अजय तिवारी को कसया विकास खंड का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने का आदेश दिया। इधर आदेश मिलने के दो दिन बाद 26 अक्टूबर को बीइओ पडरौना अजय तिवारी कसया बीआरसी पहुंचे और कार्यभार ग्रहण करने की औपचारिकता पूरी करने में जुटे थे कि इस दौरान पहुंचे कसया बीइओ ने चार्ज देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद कसया बीइओ पद को लेकर बीएसए द्वारा लिए गए इस फैसले पर विभाग में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। बीएसए के निर्णय पर सवाल उठने लगे। कहा तो यहां तक जा रहा कि बीएसए का यह फैसला उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है। बीइओ के स्थानांतरण से पूर्व सचिव या निदेशक का अनुमोदन आवश्यक है, जिसका अनुपालन इस मामले में नहीं किया गया है। कसया बीइओ पद पर तैनाती को लेकर आलम यह रहा कि दोनों ही अफसर बीइओ कसया के तौर पर कई विभागीय कार्यक्रमों में भी एक साथ नजर आए।
निदेशक के आदेश पर हूं
बीइओ कसया धीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि बेसिक शिक्षा निदेशक के आदेश पर मेरा तबादला गोरखपुर से खंड शिक्षा अधिकारी कसया पद पर हुआ है। निदेशक के आदेश क्रम में ही कसया बीइओ पद पर बना हुआ हूं। मेरा तबादला सचिव, निदेशक के बिना अनुमोदन के किया गया है, जो गलत है। बिना अनुमोदन के बीइओ को अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता पर मूल ब्लाक नहीं बदला जा सकता।
बोले बीएसए : कसया बीइओ पद पर किसकी तैनाती होने के सवाल पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पन्ना राम गुप्त ने कहा कि फिलहाल इस मुद्दे पर मैं अभी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हूं। न्यायालय से जुड़े जरुरी कार्यों को देख रहा हूं, फुर्सत होने पर इस बारे में विचार किया जाएगा।