इलाहाबाद : डिग्री पर करना होगा मुक्त, दूरस्थ शिक्षा का उल्लेख, आयोग की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन और गाइडलाइन भी जारी कर दिया गया
इलाहाबाद । डिग्री, मार्कशीट पर अब दूरस्थ या मुक्त शिक्षा का स्पष्ट उल्लेख करना होगा। यानी, शिक्षण संस्थान शिक्षा के मोड को छिपाकर विद्यार्थियों को गुमराह नहीं कर सकेंगे। लगातार शिकायतें मिलने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आयोग की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन और गाइडलाइन भी जारी कर दिया गया है।
यूजीसी को लगातार शिकायत मिल रही थी कि दूरस्थ और मुक्त शिक्षा देने वाले कई संस्थान डिग्री, मार्कशीट, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट आदि डॉक्यूमेंट पर शिक्षा के मोड का उल्लेख नहीं कर रहे हैं। इससे भ्रम की स्थिति बन गई है। दूरस्थ और मुक्त शिक्षा पद्धति की कई डिग्रियों की स्वीकृति को लेकर भी लगातार विवाद बना हुआ है। ऐसे में डिग्री पर शिक्षा मोड का उल्लेख नहीं होने से विद्यार्थियों की चुनौती और बढ़ जाती है। इसकी शिकायत मिलने के बाद दो सितंबर को बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे संस्थानों की ओर से दी जाने वाली डिग्री, मार्कशीट, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट समेत अन्य सभी डॉक्यूमेंट पर ‘दूरस्थ या मुक्त’ लिखा जाएगा। यूजीसी ने इस बाबत 31 अक्तूबर को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। साथ में इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को पत्र लिखा गया है।
इलाहाबाद। यूजीसी का ध्यान अब स्वायत कालेजों तथा उनका दायरा बढ़ाने पर है। इसी क्रम में नियमों में संशोधन किया गया है। बुधवार को नई नियमावली यूजीसी की वेबसाइट पर अपलोड भी कर दी गई। कालेजों से ऑटोनॉमी के लिए उसके अनुरूप आवेदन करने के लिए कहा गया है। हालांकि स्वायत्तता के लिए नैक की ‘ए’ ग्रेडिंग पहले से ही अनिवार्य कर दिया गया है।