महराजगंज : जीपीएफ का एकाउंट अब आनलाइन देखा एवं प्राप्त किया जा सकता है, दस बिन्दुओं पर मास्टर डाटा फार्म भरने के निर्देश ।
महराजगंज: जीपीएफ का एकाउंट अब आनलाइन देखा एवं प्राप्त किया जा सकता है। सभी आहरण वितरण अधिकारी सुनिश्चित करें कि दस ¨बदुओं का मास्टर डाटा फार्म भर दें, ताकि वे इसे आनलाइन देख सकें।
यह जानकारी महालेखाकार इलाहाबाद, के वरिष्ठ लेखाधिकारी केडी कश्यप ने दी। उन्होंने बताया कि मास्टर डाटा भरकर एजी आफिस भिजवाने पर कटौती की सूचना मोबाइल नंबर पर प्रतिमाह प्राप्त होता रहेगा। उन्होंने बताया कि अवकाश प्रापत छह माह पूर्व कटौती बद कर दें। 90 प्रतिशत भुगतान प्राप्त करने के लिए पूरे जीपीएफ पासबुक भी सत्यापित छात्र प्रति सेवानिवृति के डेढ़ वर्ष पूर्व भेजें। मूल पास बुक कार्यालय में सुरक्षित रखें। अंतिम भुगतान के समय ही मूल पास बुक भेजें।
उन्होंने कहा कि जीपीएफ पासबुक निर्धारित प्रोफार्मा पर ही बनाएं। प्रत्येक कर्मचारी को वर्ष में दो बार पास बुक दिखाएं। लोन लेने की स्थिति में अलग अलग लोन की अलग अलग किश्त का विवरण दर्ज करें तथा वसूली शिड्यूल में लेखा आख्या का आडिट करें। उन्होंने बताया कि महालेखाकार की वेवासाइट पर डब्लू, डब्लू, डब्लू, एजीयूपी एनआईसी इन पर इसका विस्तृत विवरण देखा जा सकता है। सहायक लेखाधिकारी वीके श्रीवास्तव ने बताया कि जीपीएफ पासबुक में अभिदाता का नाम, उसके पिता का नाम, जन्मतिथि तथा नियुक्ति की तिथि अवश्य लिखि जाये। इसमें दर्ज सभी सूचनाएं आहरण विवरण अधिकारी द्वारा सत्यापित रहे।
उन्होंने बताया कि वर्ष 86 से पासबुक का रख रखाव अनिवार्य है। राज्य सरकार में 2005 से नये जीपीएफ नंबर जारी नहीं किये जा रहे हैं। अभिदान का भुगतान के लिए जीपीएफ पासबुक अंतिम रूप से मान्य है। इसलिए इसके रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाये। बुद्धा सभागार में आयोजित इस बैठक में बनारी लाल सरोज ने एकाउंट एवं फंड के रखरखाव की जानकारी दिया। 1इसमें अमित त्रिपाठी, एसपी श्रीवास्तव, डा. राम गो¨वद, डा. कमल सिंह, डा. आरबीराम एवं अन्य विभागीय अधिकारी, लेखाकार्मिक उपस्थित रहे।