रायबरेली : भर्ती-प्रमोशन में खूब संशोधन, फोटो कॉपी पर ज्वाइनिंग! जिले में 16,448 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया, अंतरजनदीय तबादले व पदोन्नति में बरती गईं लापरवाही शैक्षिक संगठनों के एकता दिखाने के बाद सामने आने लगी
रायबरेली : जिले में 16,448 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया, अंतरजनदीय तबादले व पदोन्नति में बरती गईं लापरवाही शैक्षिक संगठनों के एकता दिखाने के बाद सामने आने लगी हैं। शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन कर स्कूलों में सृजित पद न होने के बाद भी शिक्षकों को भेजा गया। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को मन-मुताबिक स्कूल आवंटित किए। इनमें अधिकांश वे शिक्षक है, जिनका संशोधन मांगे गए स्कूलों के लिए किया गया, लेकिन ओरिजनल ज्वाइ¨नग लेटर शिक्षकों को नहीं मिला। उन्हें आदेश की फोटो कॉपी पर स्कूलों में ज्वाइन करना पड़ा।
16,448 भर्ती प्रक्रिया में जनपद को कुल 555 नए शिक्षक मिलें। 555 शिक्षकों में से 202 से ज्यादा शिक्षकों ने संशोधन के लिए आवेदन किया। इस पर विभाग ने संशोधन की मुहर लगाते हुए नये शिक्षकों द्वारा मन-मुताबिक स्कूलों को आवंटित करा दिया गया। जबकि इन स्कूलों में शिक्षकों के पद भी सृजित नहीं थे। अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में रायबरेली को 161 शिक्षक (65 महिला, 95 पुरुष, एक दिव्यांग) मिले। जिनमें से अधिकांश ने संशोधन के लिए मनचाहा स्कूल भर आवेदन किया और मेडिकल पर चले गए। बीएसए ने अंतरजनपदीय से आए 23 शिक्षकों को नोटिस जारी किया, लेकिन यहां भी शिक्षा विभाग ने एक सैकड़ा से अधिक संशोधन कर दिए। इसके बाद 193 शिक्षकों की पदोन्नति की गई। पदोन्नति प्रक्रिया में विभाग ने खूब अनियमितिता बरतीं। क्योंकि पदोन्नति विभाग ने जिन ब्लॉकों को लॉक रखा था, उन्हीं ब्लॉकों में संशोधन आदेश जारी कर ज्वाइ¨नग के निर्देश दे दिए गए।
मान्य नहीं फोटो कॉपी पर ज्वाइ¨नग
16,448 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से लिए गए 555 शिक्षकों का ज्वाइ¨नग लेटर रायबरेली एनआइसी पर अपलोड की गईं। संशोधन के बाद शिक्षकों को ओरिजनल कागज न देकर फोटो कॉपी थमा ज्वाइन करा दिया गया। कुछ ऐसा ही खेल अंतरजनपदीय तबादले व शिक्षकों के पदोन्नति प्रक्रिया में भी हुआ। जबकि विभाग के शिक्षकों का मानना है कि भर्ती प्रक्रिया में शिक्षकों को संशोधन का ओरिजनल ज्वाइ¨नग लेटर दिया जाना चाहिए था। इतना ही नहीं तीनों प्रक्रिया में हुए संशोधन का ब्योरा विभाग के लिपिक के पास भी नहीं है। भविष्य में अगर 16448 भर्ती, तबादला नीति व पदोन्नति में विभागीय जांच बैठती है तो संशोधन पत्र के फोटो कॉपी पर ज्वाइन करने वाले शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
आइटीआइ से चलता बीएसए दफ्तर
शैक्षिक संगठनों की मानें तो बीएसए ने आइटीआइ कॉलोनी में रूम ले रखा है। यहीं कुछ बीइओ व एबीआरसी ने भी अपनी कॉलोनी आवांटित करा रखीं है। सूरज ढलने के बाद आइटीआइ कॉलोनी से बीएसए दफ्तर चलाया जाता है और संशोधन आदेश जारी होते है। अभी तक पुरानी तिथियों पर संशोधन पत्र जारी हो रहे हैं। एक संशोधन के नाम हजारों के वारे-न्यारे भी होते है। जिससे नाराज प्राथमिक व जूनियर शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति के जिलाध्यक्षों ने लिखित में बेसिक शिक्षामंत्री व डीएम से शिकायत की हैं।
ब्लॅाक थे लॉक फिर भी गए शिक्षक
प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सीमा से जुड़े रायबरेली के बछरावां ब्लॉक की डिमांड सबसे ज्यादा शिक्षकों ने की। जिससे उन्हें बछरावां जैसा ब्लॉक मिल जाए। राइट-टू-एजूकेशन के अनुसार प्राथमिक स्कूल में 30 बच्चों पर एक और जूनियर में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए। बछरावां के प्राथमिक विद्यालय कुंदनगंज, जूनियर स्कूल असहन जगतपुर, जूनियर स्कूल सरौरा में शिक्षकों का संशोधन किया गया।
'16,448 भर्ती प्रक्रिया, अंतरजनपदीय तबादले व पदोन्नति प्रक्रिया में अगर बीएसए नियम विरुद्ध संशोधन किए है। तो बीएसए जीएस निरंजन के खिलाफ विभगीय जांच करायी जाएगी। बेसिक शिक्षा सचिव को पत्र लिख रायबरेली में बरती जा रही अनियमितिता से अवगत कराया जाएगा।'
- महेंद्र ¨सह राणा, एडी बेसिक, लखनऊ मंडल।