खतरे में परिषदीय स्कूल के 16 शिक्षकों की नौकरी
बलरामपुर : संजीव सिंह व 27 अन्य अभ्यर्थियों द्वारा न्यायालय में दायर की गई याचिका में तिवल्लुवर विश्
बलरामपुर : संजीव सिंह व 27 अन्य अभ्यर्थियों द्वारा न्यायालय में दायर की गई याचिका में तिवल्लुवर विश्व विद्यालय वेल्लोर तमिलनाडू की बीएलएड डिग्री को अमान्य बताए जाने का मामला जिले में भी पहुंच गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव ने इसे गंभीरता से लेते हुए 16448 शिक्षकों की भर्ती में इसी डिग्री के आधार पर नौकरी लेने वाले 16 शिक्षकों को भी नोटिस जारी किया है। इसमें बीएसए ने सभी शिक्षकों को कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा है।
न्यायालय में याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों ने कहा है कि तिवल्लुवर विश्व विद्यालय वेल्लोर तमिलनाडू की बीएलएड डिग्री मान्य ही नहीं है। इसके बाद भी 16448 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में कई अभ्यर्थी प्रदेश के विभिन्न जिलों में सहायक अध्यापक के रूप में भर्ती हो गए हैं। संबंधित मामले में न्यायालय ने तिवल्लुवर विश्व विद्यालय वेल्लोर तमिलनाडू बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। बीएसए ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 16448 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया इस बोर्ड की डिग्री के आधार पर नौकरी पाने वाले तुलसीपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय लालपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात देवकृष्ण, मकुनहवा के राजकुमार यादव, परसिया कला के परमवीर प्रकाश, पटोहाकोट के राजीव शर्मा, रमनगरा कला में तैनात सुनील यादव, सेखुइनिया कला के मनीष बाबू निगम, गैंसड़ी के प्राथमिक विद्यालय मचड़ी में तैनात प्रवेश कुमार, महादेवा के श्यामवीर सिंह व पटोहा में तैनात गिरीश कुमार, पचपेड़वा के प्राथमिक विद्यालय नया नगर में तैनात नीरज कुमार, सुनहवा के दिनेश कुमार, शिवपुरा के प्राथमिक विद्यालय रेहरा में तैनात अनिल कुमार व शिकारीपुरवा में तैनात अमित सोनी, उतरौला के गोगाढार में तैनात जय किशोर व बड़हराकोट में तैनात सुरजीत कुमार गंगवार एवं गैंड़ासबुजुर्ग के प्रानपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात दिनेश कुमार को स्पष्टीकरण तलब किया है। बीएसए ने सभी शिक्षकों याचिका का हवाला देते हुए नोटिस जारी किया है। साथ ही 21 दिसंबर को पूर्वाह्न 11 बजे कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। बीएसए ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि संबंधित दिवस पर शिक्षक द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया तो उसके पास पर्याप्त साक्ष्य न होने की बात मानते हुए संबंधित की सेवा समाप्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
- न्यायालय के आदेश पर निर्भर रहेगी नौकरी
विभागीय अधिकारियों की मानें तो शिक्षकों द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद भी इन सभी शिक्षकों की नौकरी न्यायालय के आदेश पर ही निर्भर रहेगी। यदि अभ्यर्थियों द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य सही पाए जाते हैं तो तिवल्लुवर विश्व विद्यालय वेल्लोर तमिलनाडू की बीएलएड डिग्री अमान्य घोषित कर दी जाएगी। ऐसे में इन सभी 16 शिक्षकों की सेवाएं भी स्वत: समाप्त हो जाएंगी।