अध्यापकों ने घेरा शिक्षा भवन, तस्वीरों में देखिये आक्रोश!
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में प्रदेश भर के विभिन्न जिलों से आये हजारों की संख्या में शिक्षकों ने शनिवार को शिक्षा भवन पर अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारेबाजी की। शिक्षकों का आरोप है कि समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र में समस्त जूनियर हाई स्कूलों में अनुदान सूची पर लेने का लिखित वादा किया गया था। मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 2006 में अनुदानित विद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से देने का वादा भी किया था लेकिन समय बीत जाने पर शासन/प्रशासन के कई बार आश्वासनों के बाद भी शिक्षकों की प्रमुख समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संबोधित मांगपत्र जिला प्रशासन को सौंपा।
तस्वीरों में देखिये आक्रोश
चुनाव में शिक्षक करेंगे सरकार का विरोध
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अवधेश कुमार मिश्रा ने बताया जूनियर हाई स्कूल के विद्यालयों को अनुदान करने के साथ मदरसों को भी अनुदानित करने की घोषणा पत्र में वादा किया गया था।मदरसा अनुदानित कर दिए गए परंतु मान्यता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल आज तक नहीं किया।प्रदर्शनकारियों ने निर्णय लिया अगर विद्यालयों को अनुदानित नहीं किया जाता तथा वर्ष 2006 के शिक्षकों कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं दी जाती।प्रमुख समस्याओं पर सरकार यदि कोई निर्णय नहीं लेती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश भर के शिक्षक सपा सरकार का विरोध करेंगे।
यह हैं संगठन की प्रमुख मांगे
समस्त मान्यता प्राप्त स्थाई विद्यालयों को अनुदानित किया जाए।वर्ष 2006 में अनुदानित एक हजार जूनियर हाई स्कूलों के शिक्षकों/कर्मचारियों जिनकी नियुक्ति अप्रैल 2005 के पहले हुई उन्हें पुरानी पेंशन योजना दी जाए।बीएड प्रशिक्षण योग्यता को सेवा नियमावली 1978 से लागू होने की तिथि से अर्ह माना जाये न कि शासनादेश निर्गत दिनांक 12 जून 2008 से।वर्ष 2006 में अनुदानित एक हजार जूनियर हाई स्कूलों में वर्षों से काम कर रहे करीब 587 शिक्षकों/कर्मचारियों की वेतन अनुमान्यता जारी की जाए।जूनियर हाईस्कूल स्तर तक सहायता प्राप्त उच्चीकृत विद्यालयों में रिक्त पदों को सेवा नियमावली 1978 की व्यवस्था के अनुसार ही तब तक भरा जाए जब तक उच्चीकरण उच्चीकृत विद्यालय माध्यमिक विद्यालयों पर लागू वेतन वितरण अधिनियम 1971 की सीमा में नहीं आ जाते।