प्रतापगढ़ : तबादला न होने से शिक्षकों की बढ़ी धड़कन, बीएसए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं
प्रतापगढ़ : विधान सभा चुनाव की आचार संहिता किसी भी दिन जारी होने की अटकलों के बीच तबादला न होने से परिषदीय शिक्षकों की धड़कनें बढ़ गई है। वह रोजाना बीएसए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है।
पिछले लगभग दो साल से परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को पदोन्नति, तबादला समेत हर मामलों में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। साढ़े सात सौ पदों पर पदोन्नति का शासनादेश अप्रैल 2015 में आ गया था। लेकिन इस मामले को टरकाया जाता रहा। शिक्षकों के कई बार धरना प्रदर्शन के बाद बीएसए एसटी हुसैन के कार्यकाल में वरिष्ठता सूची तैयार की गई, लेकिन काउंसि¨लग कराने के पहले ही उनका तबादला हो गया था। बीएसए माधवजी तिवारी ने नए सिरे से वरिष्ठता सूची जारी करके काउंसि¨लग कराया, पर पदोन्नति आदेश जारी करने के पहले उनका भी स्थानांतरण हो गया था।
उनके बाद आए बीएसए अजय कुमार ¨सह ने पहले जुलाई में शिक्षकों की काउंसि¨लग कराया। फिर उसे निरस्त करके दुबारा अगस्त में काउंसि¨लग कराया था। वह भी पदोन्नति आदेश जारी करते कि पांच सितंबर को उनका भी तबादला हो गया। इसके बाद भी यहां जमे रहे बीएसए अजय कुमार ¨सह ने 712 पदों पर पदोन्नति देते हुए शिक्षकों को नए स्कूलों में तैनात कर दिया था। दूर के स्कूलों में तैनात किए गए शिक्षकों ने तैनाती आदेश में संशोधन के लिए जुगाड़ लगाना शुरू किया। इसमें 137 शिक्षक कामयाब भी रहे। इसके लिए बीएसए अजय कुमार ¨सह पर धनउगाही करने का आरोप लगा था। मामले की जांच भी कराई गई, लेकिन फिर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
मौजूदा बीएसए भूपेंद्र नारायण ¨सह ने कार्यभार संभालने के बाद शिक्षकों से तबादले के लिए आवेदन मांग लिया। आवेदन करने को शिक्षकों में इस कदर होड़ मची कि 11 सौ से अधिक शिक्षकों ने मनचाहा स्कूल में तैनाती के लिए आवेदन कर दिया। शिक्षकों ने यह उम्मीद लगाई थी कि जल्द ही उन्हें नजदीक के स्कूल में तैनाती मिल जाएगी। लेकिन आवेदन करने को लगभग दो महीने बीत गए हैं, पर उस पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है। इस समय यह चर्चा जोरों पर है कि किसी भी दिन चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। इससे शिक्षकों की धड़कन बढ़ गई है क्योंकि आचार संहिता लगने के बाद तबादला चुनाव तक टल जाएगा। इस संबंध में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल बीएसए से कई बार मिल चुका है, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ हाथ नहीं आया है। इस बाबत बीएसए भूपेंद्र नारायण ¨सह से संपर्क नहीं हो सका।
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