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सीतापुर : नियमों के फेर में फंस गया विद्यालय का निर्माण, विभागीय स्वीकृति में देरी से छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर

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सीतापुर : नियमों के फेर में फंस गया विद्यालय का निर्माण, विभागीय स्वीकृति में देरी से छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर

सीतापुर : बेसिक शिक्षा विभाग का विद्यालय दि सेक्सरिया शुगर मिल बिसवां ने बनवाने का प्रस्ताव महकमे को दिया था। दरअसल मिल परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय जर्जर हो गया था। मिल प्रबंधन का प्रस्ताव विभागीय नियमों के मकड़ जाल में उलझ गया है। कई पत्रचार के बाद बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारी से विद्यालय के बाबत अभिलेख मांगे है। सूत्रों की माने तो विभागीय स्वीकृति मिलने में अभी समय है, जिससे नौनिहाल जर्जर हो चुके भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है।

बिसवां नगर क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालय सेक्सरिया पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इसको देखते हुए कई माह पहले मिल प्रबंधन ने विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें प्रबंधन अपने खर्चे से विद्यालय बनवाने को तैयार था। विभाग ने प्रस्ताव काफी हीला हवाली के बाद शासन भेजा। जहां से कई ¨बदुओं पर विभाग से जानकारी मांगी गई। कई माह की लंबी कवायदों के बाद शासन ने विद्यालय भवन के रंगीन फोटो व कई ¨बदुओं पर आख्या मांगी थी। जिसके क्रम में बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारी बिसवां नगर क्षेत्र को पत्र लिख कर ¨बदुवार आख्या मांगी है। जर्जर विद्यालय की फोटोग्राफ के साथ भूमि का विवरण भी मांगा गया है। विद्यालय के रख-रखाव की जिम्मेदारी मिल प्रबंधन अथवा विभाग की है। विद्यालय पर होने वाला खर्च किसके द्वारा वहन किया जा रहा है। विभागीय नियमों में फंसे विद्यालय को लेकर अफसरों का रवैया अभी तक नकारात्मक ही नजर आया है। ऐसे में जर्जर विद्यालय के स्थान पर नए भवन के निर्माण का रास्ता साफ होता नहीं दिख रहा है।बिसवां चीनी मिल प्रबंधन ने जर्जर हो चुके प्राथमिक विद्यालय सेक्सरिया के निर्माण की बात कही थी। इसको लेकर खंड शिक्षाधिकारी नगर क्षेत्र से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। 1- राजेंद्र सिंह, बीएसए

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