रायबरेली : नहीं भाया बीएसए का आश्वासन, सभी शैक्षिक संगठनों ने बीएसए के खिलाफ मोर्चा खोला, शैक्षिक संगठन बीएसए के खिलाफ जांच की मांग पर अभी भी अड़े
रायबरेली । सभी शैक्षिक संगठनों ने बीएसए के खिलाफ मोर्चा खोल रखा हैं। ऐसे में शैक्षिक संगठनों को मानने के लिए बीएसए द्वारा अजमाया गया ‘लालीपॉप’ काम नहीं आया। शैक्षिक संगठन बीएसए के खिलाफ जांच की मांग पर अभी भी अड़े है। जिससे स्काउट भवन में बीएसए व शैक्षिक संगठनों के बीच चल रहीं वार्ता विफल रहीं।
शनिवार को बीएसए जीएस निरंजन ने जूनियर, प्राथमिक शिक्षक संघ, शैक्षिक महासंघ और पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष को दफ्तर के बजाय दोपहर में स्काउट भवन वार्ता के लिए बुलाया। यहां बीएसए ने सभी शैक्षिक संगठनों के सामने अपना दु:खड़ा रोया, लेकिन शैक्षिक संघ अपनी बातों पर अड़े रहे। जिसके कारण बीएसए को निराश होकर वहां से वापस लौटना पड़ा। सभी शैक्षिक संगठनों का कहना है कि बीएसए द्वारा 16448 भर्ती प्रक्रिया, अंतरजनपदीय तबादलों और पदोन्नति प्रक्रिया में नियम विरुद्ध तरीके से किए गए संशोधनों की जांच उच्चाधिकारियों से कराने के लिए बेसिक शिक्षामंत्री को पत्र लिखा गया है।
🔴 क्या कहते है संगठन के अध्यक्ष बीएसए के खिलाफ जांच की मांग से पीछे नहीं हटा जाएगा। शिक्षकहित के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
-दिनेश सिंह, प्राथमिक शिक्षक संघ, जिलाध्यक्ष।
🔵 पदोन्नति प्रक्रिया में बंद ब्लॉकों में भी शिक्षकों के संशोधन हुए है। जोकि आरटीई एक्ट के तहत बिलकुल गलत है।
- समर बहादुर सिंह, जूनियर शिक्षक संघ, जिलाध्यक्ष।
🌕 बीएसए दफ्तर सिर्फ नाम का है। कुछ बीइओ व एबीआरसी द्वारा बीएसए क घर में दफ्तर चला रहे है। जिससे शिक्षकों की समस्याएं निस्तारित नहीं पा रही है।
- शिवशंकर सिंह, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, जिलाध्यक्ष।
🌑 अनुदेशकों की लंबित समस्याओं पर निस्तारण बीएसए शिकायतों के बाद भी नहीं कर रहे है। जिससे संगठन बीएसए की कार्यशैली से क्षुब्ध है।
- विवेक सिंह, पूर्व माध्यमिकअनुदेशक कल्याण समिति, जिलाध्यक्ष।
📌 रायबरेली : नहीं भाया बीएसए का आश्वासन, सभी शैक्षिक संगठनों ने बीएसए के खिलाफ मोर्चा खोला, शैक्षिक संगठन बीएसए के खिलाफ जांच की मांग पर अभी भी अड़े
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