इलाहाबाद : एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, प्रदेश के शासकीय और अशासकीय कालेजों में नियुक्ति की अर्हता बदली, पद व पाठयक्रम एक योग्यता अलग-अलग
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पद एलटी ग्रेड यानी स्नातक शिक्षक। यहां माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से तय एक ही पाठ्यक्रम। और तो और वेतनमान तक समान है। यह अहम समानता होने के बाद भी उसे पढ़ाने वाले शिक्षकों के चयन की योग्यता अलग-अलग है। यह फासला होने की वजह शासकीय व अशासकीय में कालेजों का अलग-अलग होना है। शासकीय कालेजों में इन दिनों भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है तो अशासकीय कालेजों के आवेदन करने वाले हाशिए पर हैं, क्योंकि उनके पास अर्हता नहीं है। प्रदेश के राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली हैं। उनमें से 9342 पदों को भरने को युवाओं से आवेदन मांगे गए हैं। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश ने बताया कि दो दिन में ही तीन हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं, लेकिन अशासकीय कालेजों के दावेदार युवा इनमें शामिल नहीं हैं। इसकी वजह दोनों जगह की योग्यता अलग होना है।
हंिदूी विषय : अशासकीय कालेज में हंिदूी का स्नातक शिक्षक बनने के लिए इंटर या फिर स्नातक में से किसी एक में भी संस्कृत विषय होना अनिवार्य है। वहीं शासकीय कालेज में हंिदूी का स्नातक शिक्षक बनने के लिए इंटर में संस्कृत होना जरूरी है, वहीं प्रवक्ता पद के लिए स्नातक में संस्कृत अनिवार्य की गई है। संस्कृत से स्नातक करने वाले युवा अब हंिदूी शिक्षक के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
कला एवं संगीत विषय : अशासकीय कालेज में स्नातक कला शिक्षक के लिए आइजीडी बांबे या फिर प्राविधिक कला से इंटर उत्तीर्ण होना चाहिए। वहीं शासकीय कालेज में स्नातक में कला होना अनिवार्य किया गया है। ऐसे ही संगीत विषय में भी दोनों कालेजों की योग्यता में बड़ा अंतर किया गया है।
पदोन्नति प्रक्रिया : अशासकीय कालेज में स्नातक शिक्षकों की पदोन्नति उसी कालेज में वरिष्ठता के आधार पर होती है, जबकि शासकीय कालेजों में प्रदेश भर के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के आधार पर प्रमोशन दिये जाते हैं।
चयन प्रक्रिया : अशासकीय कालेज में स्नातक शिक्षकों का चयन लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के जरिये होता है, जबकि शासकीय कालेजों में चयन का आधार मेरिट है।