कलम की जगह बच्चों के हाथ में कन्नी-बिसोली
संस, धौलाना : हर मां-बाप की तमन्ना होती है उनका बच्चा पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी कर समाज व देश की सेवा कर
संस, धौलाना : हर मां-बाप की तमन्ना होती है उनका बच्चा पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी कर समाज व देश की सेवा करे। इसी चाहत में मां बाप अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने भेजते हैं लेकिन धौलाना के गांव शौलाना में अध्यापक कलम की जगह बच्चों के हाथों में कन्नी वसूली थमा रहे हैं। या यूं कहिये कि विद्यालय में अध्यापक बच्चों को मजदूरी करना सिखा रहे हैं। विद्यालय के बच्चे कन्नी-बिसोली लेकर ईटों को साफ कर रहे थे, जिससे शौलाना गांव के इस विद्यालय में सर्व शिक्षा अभियान की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शिक्षा के कर्णधारों को अपने इस कृत्य पर कोई शर्म महसूस नही हो रही है जो बच्चों के भविष्य को खुलकर पलीता लगा रहे हैं।
धौलाना ब्लाक के गांव शौलाना के जूनियर हाई स्कूल के सामने शिक्षा की गरिमा तब शर्मसार हो गई, जब स्कूल में पढ़कर कुछ बनने का मंसूबा पाले ये बच्चे कलम की जगह हाथों में कन्नी वसूली व फावड़ा थाम कर मजदूरी का पाठ पढ़ रहे थे। विद्यालय में आए दो छात्र स्कूल की एक टूटी दिवार की ईंटों को कन्नी बिसोली लेकर साफ कर रहे थे। पूछने पर बच्चों ने बताया कि सर जी ने कहा है कि इस दीवार की सारी ईटें साफ कर एक जगह चट्टा लगा दो। बेसिक शिक्षा विभाग के सर्व शिक्षा अभियान अध्यापक ही खुली धज्जियां गांव शौलाना के विद्यालय में उड़ा रहे हैं। स्कूल के प्रधानाध्यापक नदारद थे। केवल एक अध्यापक पीके आर्या प्रधान अध्यापक के कार्यालय में बैठे थे। पूछने पर उन्होंने ऐसा कुछ होने से ही इंकार कर दिया। अन्य अध्यापकों के न आने के बारे में पूछने पर वो कोई सही जवाब नहीं दे पाये। खंड शिक्षा अधिकारी मुंशी लाल पटेल का कहना था कि यदि अध्यापकों द्वारा बच्चों से इस तरह का कार्य कराया जा रहा है तो ये तो शिक्षा की घोर अवेहलना है। ऐसे दोषी अध्यापकों को किसी सूरत में बख्शा नही जायेगा। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।