New Delhi:अखिलेश यादव की सरकार ने शिक्षकों व कर्मियों को बुधवार को चुनावी तोहफा दिया है।
राज्य कर्मियों की भांति सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों, स्वायत्तशासी संस्थाओं व निगमों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों को अब पति-पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार सुबह हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। विधानसभा का सत्र होने के कारण कैबिनेट के फैसलों की फिलहाल अधिकृत सूचना नहीं दी गई है। इन फैसलों की जानकारी विधान मंडल के दोनों सदनों को दी जाएगी।
अभी तक सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों में यदि पति-पत्नी दोनों कार्यरत हैं तो सिर्फ एक को ही एचआरए का लाभ मिलता था, जबकि राज्य कर्मचारी में पति-पत्नी दोनों को इसका लाभ दिया जा रहा है। राज्य कर्मियों की तरह सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों के कर्मचारी भी पति-पत्नी को एचआरए देने की मांग कर रहे थे।
सरकार ने ई-रिक्शा चलाकर परिवार पालने वाले कमजोर वर्ग का दामन भी खुशियों से भरने की कोशिश की है। उन्होंने ई-रिक्शा पर लगने वाला वैट साढ़े 12 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है। बाजार में 60,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये के बीच ई-रिक्शा आ रहा है। इससे 5000 से लेकर 7000 रुपये तक ई-रिक्शा सस्ता हो जाएगा।
समाजवादी सरकार ने शिक्षकों, कर्मचारियों व गरीबों को ही नहीं बल्कि विकास कार्यो को पूरा कराने में दिन-रात मेहनत करने वाले अवर अभियंताओं को भी लाभ दिया है। सरकारी, स्वायत्तशासी और निगमों में कार्यरत अवर अभियंताओं को हर माह 400 रुपये विशेष भत्ता दिया जाएगा। सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गो की तरह अब भुर्तिया जाति को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण में अहीर, यादव, यदुवंशी, ग्वाला के साथ भुर्तिया जाति को भी जोड़ने का फैसला किया है।