इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की निगाहें चुनाव आयोग पर, चुनाव तिथि की घोषणा न होने से परीक्षा का दूसरा कार्यक्रम बनाना संभव नहीं
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी विधानसभा चुनाव कार्यक्रम पर अभी पर्दा पड़ा है। फिलहाल बोर्ड की ओर से कोई भी दूसरा परीक्षा कार्यक्रम तैयार नहीं हुआ है, बल्कि सभी की निगाहें आयोग के निर्देश या फिर चुनाव कार्यक्रम के एलान पर टिकी हैं। बोर्ड के अफसरों का कहना है कि चुनावों की संभावित तारीख मालूम हुए बिना परीक्षा का नया कार्यक्रम बनाया जाना संभव नहीं है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2017 पर अभी तक असमंजस बरकरार है। बोर्ड सभापति अमरनाथ वर्मा ने परीक्षा कार्यक्रम इसी माह के पहले सप्ताह में घोषित किया लेकिन चुनाव आयोग ने उसे रद कर दिया है। ज्ञात हो कि बोर्ड परीक्षाएं 16 फरवरी से 20 मार्च तक होनी थी। उसके बाद पहले दिल्ली और फिर लखनऊ में आयोग के अफसरों संग बोर्ड सभापति की बैठकें हुईं लेकिन परीक्षा कब से होंगी, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। इससे पूरी प्रक्रिया अधर में है।
असल में यूपी बोर्ड का परीक्षा कार्यक्रम घोषित करना चुनाव आयोग को नागवार गुजरा। हालांकि यूपी बोर्ड की ओर से आयोग को पहले ही बोर्ड परीक्षा शुरू होने की संभावित तारीखें बता दी गई थीं। बहरहाल बोर्ड की ओर से परीक्षा की तारीखों का एलान होते ही आयोग ने तत्काल उन सभी राज्यों को निर्देश जारी किया कि जहां विधानसभा चुनाव होने हैं। कहा गया कि संबंधित राज्यों के शिक्षा बोर्ड आयोग से सहमति लेकर ही परीक्षा कार्यक्रम जारी करेंगे। इसके बाद राज्यों के शिक्षा बोर्डो ने आयोग को कार्यक्रम भेजे, लेकिन यूपी बोर्ड मौन रहा, क्योंकि बोर्ड व आयोग के अफसरों के बीच वार्ताओं का दौर जारी था। अब आयोग की ओर से कहा जा रहा है कि यूपी बोर्ड संशोधित कार्यक्रम नहीं दे रहा है। उधर यूपी बोर्ड का धर्मसंकट यह है कि जब तक चुनाव की तारीखें घोषित नहीं हो जाता, तब तक वह किस आधार पर परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दे। परिषद सचिव शैल यादव ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला है। बहरहाल राजनीतिक दलों की तरह अब यूपी बोर्ड को भी विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान का बेसब्री से इंतजार है।