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इलाहाबाद : खुले में होने वाले समारोहों में बच्चों को भेजना बैन, HC ने कहा, निर्देश नहीं माना तो DM पर ऐक्शन

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इलाहाबाद : खुले में होने वाले समारोहों में बच्चों को भेजना बैन, HC ने कहा, निर्देश नहीं माना तो DM पर ऐक्शन

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 16 साल से कम उम्र के स्कूली बच्चों को खुले में आयोजित होने वाले सार्वजनिक समारोहों/ कार्यक्रमों में भेजे जाने पर पाबंदी लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो संबंधित डीएम पर कार्रवाई होगी। जानकारों के अनुसार, यह आदेश स्कूलों-राजनीतिक दलों या अन्य संस्थाओं की ओर से करवाए जाने वाले पीटी मार्च, स्वागत कार्यक्रम, वार्षिक समारोहों पर भी लागू होगा।

यह आदेश जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस संगीता चन्द्रा की बेंच ने कानपुर के स्क्वाड्रन लीडर एच.एल.कुलश्रेष्ठ की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया। याचिका में अपील की गई थी कि बच्चों को खुले मैदान में होने वाले समारोहों में ले जाने पर रोक लगाई जाए। पहले भी कोर्ट ने सरकार को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन कुछ नहीं हुआ।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान यह बताए जाने पर कि प्रदेश सरकार ने एक दिन पहले ही इस आशय का शासनादेश जारी किया है, कोर्ट ने कहा कि अगर इस शासनादेश का पालन नहीं हुआ तो डीएम के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट एक बार कह चुका है कि राजनेताओं को खुश करने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रमों में बच्चों को भेजे जाने की प्रथा कतई बंद हो जानी चाहिए।

कानपुर से उठा था मामला

2005 में कानपुर में एक समारोह के दौरान घंटों धूप में खड़े रहने से कई बच्चे बीमार हो गए थे। इसके बाद हाई कोर्ट में यह यािचका दायर की गई थी।

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