इलाहाबाद : शिक्षकों की वरिष्ठता नहीं तय हो पा रही, 10 जनवरी को डीपीसी प्रस्तावित थी, लेकिन मंडलों से वरिष्ठता सूची ही नहीं आयी।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : राजकीय माध्यमिक कॉलेजों के एलटी ग्रेड शिक्षकों की वरिष्ठता की खिचड़ी पकने का नाम ही नहीं ले रही है। वरिष्ठ अफसर सूची भेजने का निर्देश दे रहे हैं और मातहत अनुपालन नहीं कर रहे। विभागीय अफसरों की अनदेखी से नुकसान एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग का हो रहा है। बीते 10 जनवरी को डीपीसी प्रस्तावित थी, लेकिन मंडलों से वरिष्ठता सूची ही नहीं आयी। अब फिर निर्देश दिया गया है कि एक सप्ताह में वरिष्ठता सूची न आई तो कार्रवाई होगी।
प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में नियुक्त एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग अब भी हाशिए पर हैं। चार साल में उनका आपसी वरिष्ठता विवाद सुलझाया नहीं जा सका है। शासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों के कई निर्देशों के बाद भी संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने वरिष्ठता सूची शिक्षा निदेशालय नहीं भेजी है, जबकि अन्य शिक्षक संवर्गो की सूची कुछ ही दिनों में निदेशालय पहुंची है। ताज्जुब यह है कि जिन अफसरों ने पिछले दिनों वरिष्ठता सूची नहीं भेजी, उन्हीं अफसरों ने पिछले दिनों इसी संवर्ग के शिक्षकों की गोपनीय आख्या भेज दी थी। इससे स्पष्ट है कि सूची तैयार है, केवल उसे भेजने में आनाकानी हो रही है।
बीते वर्ष में तीन बार शिक्षकों के अन्य संवर्ग का प्रमोशन हुआ है। उसमें निदेशालय से ही सूची अनुमोदन के लिए मंडलों को भेजी गई और सभी ने उसी सूची के हिसाब से रिपोर्ट भी भेजी थी। इसके बाद भी अफसरों ने एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की सूची मंडल मुख्यालयों को भेजकर रिपोर्ट मांगना उचित नहीं समझा।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : राजकीय माध्यमिक कॉलेजों के एलटी ग्रेड शिक्षकों की वरिष्ठता की खिचड़ी पकने का नाम ही नहीं ले रही है। वरिष्ठ अफसर सूची भेजने का निर्देश दे रहे हैं और मातहत अनुपालन नहीं कर रहे। विभागीय अफसरों की अनदेखी से नुकसान एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग का हो रहा है। बीते 10 जनवरी को डीपीसी प्रस्तावित थी, लेकिन मंडलों से वरिष्ठता सूची ही नहीं आयी। अब फिर निर्देश दिया गया है कि एक सप्ताह में वरिष्ठता सूची न आई तो कार्रवाई होगी।
प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में नियुक्त एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग अब भी हाशिए पर हैं। चार साल में उनका आपसी वरिष्ठता विवाद सुलझाया नहीं जा सका है। शासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों के कई निर्देशों के बाद भी संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने वरिष्ठता सूची शिक्षा निदेशालय नहीं भेजी है, जबकि अन्य शिक्षक संवर्गो की सूची कुछ ही दिनों में निदेशालय पहुंची है। ताज्जुब यह है कि जिन अफसरों ने पिछले दिनों वरिष्ठता सूची नहीं भेजी, उन्हीं अफसरों ने पिछले दिनों इसी संवर्ग के शिक्षकों की गोपनीय आख्या भेज दी थी। इससे स्पष्ट है कि सूची तैयार है, केवल उसे भेजने में आनाकानी हो रही है।
बीते वर्ष में तीन बार शिक्षकों के अन्य संवर्ग का प्रमोशन हुआ है। उसमें निदेशालय से ही सूची अनुमोदन के लिए मंडलों को भेजी गई और सभी ने उसी सूची के हिसाब से रिपोर्ट भी भेजी थी। इसके बाद भी अफसरों ने एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की सूची मंडल मुख्यालयों को भेजकर रिपोर्ट मांगना उचित नहीं समझा।