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यूपी बोर्ड परीक्षा : नकल के खेल की आशंकाएं बलवती, यूपी बोर्ड परीक्षा 2017 की तारीखें आखिरकार तय, आगे क्या होगा करना होगा इन्तजार ?

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यूपी बोर्ड परीक्षा : नकल के खेल की आशंकाएं बलवती, यूपी बोर्ड परीक्षा 2017 की तारीखें आखिरकार तय, आगे क्या होगा करना होगा इन्तजार ?

यूपी बोर्ड परीक्षा 2017 की तारीखें आखिरकार तय हो गई हैं। परीक्षाएं 16 मार्च से शुरू होकर 21 अप्रैल तक चलेंगी। हाईस्कूल की 15 दिन व इंटरमीडिएट की 25 दिन तक परीक्षाएं चलनी हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने यूपी बोर्ड के प्रस्तावित परीक्षा कार्यक्रम का अनुमोदन कर दिया है। इसी सप्ताह तारीखवार विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा। तैयारियां तेज हो गई हैं। इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा के लिए 34 लाख चार हजार 471 एवं इंटरमीडिएट में 26 लाख 24 हजार 681 समेत कुल 60 लाख 29 हजार 152 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं, जो पिछले साल की अपेक्षा सात लाख 63 हजार 882 कम हैं। हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं का श्रीगणोश इस बार भी हिन्दी के प्रश्नपत्र से ही होने के आसार हैं। यूपी बोर्ड देश का सबसे बड़ा बोर्ड है। सबसे ज्यादा विद्यार्थी इस बोर्ड के तहत हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा देते हैं। यह बोर्ड अपनी कई उपलब्धियों के साथ-साथ कई बातों के लिए कुख्यात भी है।

मसलन नकल को लेकर अधिकारी लाख दावा करें कि परीक्षाएं नकलविहीन संपन्न की जाएंगी पर ऐसा कभी हो नहीं पाता। प्रदेश में शिक्षा माफिया की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उन्हें पूरी तरह से खत्म कर पाना सरकार के वश में नहीं। यूपी बोर्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों की भी इनसे मिलीभगत रहती है जिसके माध्यम से हर साल लाखों परीक्षार्थी नकल के सहारे परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं। प्रतिवर्ष कई परीक्षा केंद्र नकल की शिकायत मिलने पर ब्लैक लिस्टेड किए जाते हैं पर कुकुरमुत्ते की तरह इनकी संख्या बढ़ती ही जाती है।

इस बार भी नकल के मामले में सूबे के 31 जिले संवेदनशील घोषित किए गए हैं। इन सभी जिलों की उत्तर पुस्तिकाओं की कोडिंग कराई जा रही है। इससे कॉपियों की अदला-बदली होने की संभावना पर विराम लग जाएगा। हालांकि यह भी सिर्फ दावा है, असलियत इसके विपरीत है। नकल माफिया पर अंकुश लगाने के लिए जो इच्छाशक्ति चाहिए वह न यूपी बोर्ड के उच्च अधिकारियों के पास है और न ही सरकार के पास। आपसी मिलीभगत से जो गोरखधंधा चल रहा हो, उस पर रोक लगाई भी कैसे जा सकती है? शिक्षा माफिया पूरे सिस्टम पर हावी हैं। वे ईमानदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर जानलेवा हमला कराने से भी नहीं हिचकते। यूपी बोर्ड अगर इन कमियों पर विजय प्राप्त कर ले तो उसकी उपलब्धियों में और इजाफा हो जाएगा। कोशिश तो की ही जानी चाहिए।

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