बुलंदशहर: बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को मिड-डे मील खाने के लिए बर्तन तक उपलब्ध नहीं हैं। छात्र-छात्राओं को किराए के बर्तन में भोजन खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कुछ छात्र-छात्राएं घर से बर्तन लाकर मध्याह्न भोजन खा रहे हैं।
शासन ने सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए मिड-डे मील खाने के लिए बर्तन उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया था। आदेश के बाद जनपद को छह हजार गिलास और थाली तो मिल गए, लेकिन उसके बाद एक भी बर्तन जनपद के स्कूलों के लिए नहीं भेजा गया। कुछ स्कूलों में तो बर्तन पहुंच गए हैं, लेकिन अभी तक डेढ़ लाख से अधिक छात्र-छात्राएं बिना बर्तनों के ही भोजन करने के लिए मजबूर हैं। इन छात्र-छात्राओं को किराए के बर्तन उपलब्ध कराए जा रहे हैं या छात्र-छात्राएं भोजन करने के लिए घर से बर्तन लेकर आ रहे हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया छह हजार थाली गिलास देने के बाद शासन ने योजना से ही मुंह मोड़ लिया है। जबकि छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों में बच्चों को थाली और गिलास का वितरण करना था। बताया गया है कि छात्र संख्या के आधार पर ही शासन से बर्तनों की मांग की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बच्चे किराए के बर्तन या अपने लाए बर्तनों में ही भोजन कर रहे हैं। बीएसए धर्मेन्द्र सक्सेना ने बताया कि जितने बर्तन शासन से भेजे, उन्हें विद्यालयों में वितरण करा दिया गया है। शासन से मांग की गई है और बर्तन आते ही विद्यालयों में वितरित करा दिए जाएंगे।