मथुरा : शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच को नहीं मिला अंजाम
मथुरा। शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच अंजाम तक नहीं पहुंच पायी है। सत्यापन में 13 अभ्यर्थियों के टेट प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। इस मामले में न एफआईआर हुई है और न सीडीओ ने जांच को आगे बढ़ाया है।
प्रदेश में सहायक अध्यापकों के 15 हजार पदों पर भर्ती हुई थी। जिले में इस भर्ती के 200 पद हैं। नवंबर 2015 में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर काउंसलिंग हुई थी। इस काउंसलिंग कमेटी ने 15 अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के प्रमाण पत्रों को संदिग्ध पाया। डायट प्राचार्य ने सत्यापन को इलाहाबाद से प्रमाण पत्रों की गोपनीय जांच कराई। इसमें 13 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों को फर्जी पाया गया।
इसके बाद प्राचार्य ने बीएसए को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। तत्कालीन बीएसए राजीव कुमार ने एफआईआर नहीं कराई। रिमाइंडर के बाद भी बीएसए डायट प्राचार्य के निर्देश को दबा कर बैठे रहे। इनके बाद आए बीएसए मनोज मिश्रा ने एफआईआर को पुलिस में तहरीर दे दी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। इधर, सीडीओ मनीष कुमार वर्मा ने मामले की जांच कराने की बात कही थी, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद भी इस संबंध में कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। फर्जीवाड़े के इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।