बेसिक शिक्षा विभाग ने ठोंक दिए बच्चों के भविष्य पर ताले
बुलंदशहर:परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रशासन से लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने दावे ठोके, लेकिन विभाग की मनमानी ने हजारों छात्र-छात्राओं के भविष्य पर ताले जड़ दिए हैं। बीएसए ने मनमाने तरीके से शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले किए हैं। जिसमें दर्जनों विद्यालय बंद हो गए हैं, जबकि 100 से अधिक विद्यालय एकल तरीके से चल रहे हैं। बंद विद्यालयों के छात्र-छात्राएं दरवाजे देखकर वापस लौट रहे हैं।
बेसिक शिक्षा की नींव को मजबूत करने के लिए सरकार करोड़ों रुपये भले ही खर्च कर रही हो, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक-शिक्षिकाएं उसका 30 प्रतिशत भी रिजल्ट नहीं दे पा रहे हैं। पिछले कई महीने से जिलाधिकारी ने परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जनपद के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से निरीक्षण कराया, जिसमें विभाग की असलियत निकलकर सामने आई। जिलाधिकारी ने शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए विद्यालय पहुंचते ही सेल्फी खींचकर भेजने के आदेश किए थे। कुछ समय के लिए तो लगा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। सेल्फी को लेकर शिक्षक नेता विरोध में उतर आए। अब रही सही कसर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पूरी कर दी। उन्होंने जनपद में सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्थानांतरण और समायोजन किए हैं। इनमें बीएसए ने शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए मनमाने तरीके से शिक्षक-शिक्षिकाओं को इधर उधर किया। जिससे दर्जनों विद्यालयों में ताले लटक गए हैं और सैकड़ों विद्यालय एकल रूप से चल रहे हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में स्थानांतरण और समायोजन प्रक्रिया से पहले 106 विद्यालय बंद और एकल रूप से चल रहे थे। इनमें से किसी भी विद्यालय में शिक्षक नहीं भेजा गया। जबकि जहां शिक्षकों की भरमार थी वहां और शिक्षकों को भेज दिया गया। ऐसी स्थिति में हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में है। इस संबंध में बीएसए धर्मेन्द्र सक्सेना ने फोन ही रिसीव नहीं किया।
-उगाही का लगाया आरोप
प्राथमिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय उपाध्यक्ष वेदप्रकाश गौतम ने जिलाधिकारी को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि समायोजन स्थानांतरण में मोटी रकम वसूली गई है। उन्होंने कहा कि बंद और एकल विद्यालयों में शीघ्र ही शिक्षकों को नहीं भेजा गया तो धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था सबसे पहले हैं।
-कार्यशाला का नहीं हुआ असर
जिलाधिकारी ने नुमाइश मैदान में शिक्षक-शिक्षिकाएं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यशाला बुलाई। उसमें शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया। साथ ही अधिकारियों को भी हिदायत दी थी कि वह अपने कर्तव्य को पालन करें, लेकिन उसका भी अधिकारियों पर कोई असर दिखाई नहीं दिया। स्थानांतरण प्रक्रिया ने शिक्षा व्यवस्था को और बदहाल कर दिया है।
-इन विद्यालयों में लटके ताले
उच्च प्राथमिक विद्यालय बदरखा, पहासू
उच्च प्राथमिक विद्यालय भर्रा, जहांगीराबाद
प्राथमिक विद्यालय रायपुर मौजपुर, अरनिया
प्राथमिक विद्यालय गौमतपुर, शिकारपुर
उच्च प्राथमिक विद्यालय गंगावली, अरनिया
उच्च प्राथमिक विद्यालय सूरतपुर, अरनिया
प्राथमिक विद्यालय नगला रंजित, पहासू
प्राथमिक विद्यालय पहासू प्रथम
प्राथमिक विद्यालय छतारी प्रथम
उच्च प्राथमिक विद्यालय रनाइच, पहासू
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इन्होंने कहा....
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इस संबंध में बीएसए से रिपोर्ट मांगी जाएगी। गड़बड़ी करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बंद और एकल विद्यालयों में शिक्षक भेजे जाएंगे।
आंजनेय कुमार, जिलाधिकारी ।