लखनऊ : चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए पड़ गए बीमार, प्रमुख सचिव या सचिव स्तर से सिफारिश लगवा कर अपनी ड्यूटी कटवा दी
लखनऊ । चुनाव नजदीक आते ही कर्मचारी और अफसर ‘बीमार पड़ने लगे हैं। चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए एक से एक जुगत भी भिड़ा रहे हैं। वहीं, कुछ अपने बड़े ओहदे का हवाला देते हुए मातहतों की ड्यूटी लगवाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन के एक अधिकारी के मुताबिक अब तक दो दर्जन लोग सिफारिश के लिए सम्पर्क कर चुके हैं। इनमें से 10 ऐसे हैं जिन्होंने प्रमुख सचिव या सचिव स्तर से सिफारिश लगवा कर अपनी ड्यूटी कटवा दी है।
हाथ में मोटी फाइल का बण्डल लेकर फोर्ड फिगो से उतरे एक कर्मचारी कलेक्ट्रेट की सीढ़ियां सरपट चढ़ गए। एडीएम का कक्ष देखते ही अचानक लंगड़ाने लगे। भीतर पहुंच कर बताया कि दुर्घटना की वजह से पैर में रॉड पड़ी है। असहनीय दर्द के कारण चुनाव में ड्यूटी नहीं कर सकते। इसी बीच किसी को फोन मिलाकर सामने बैठे एडीएम को थमा दिया।...यस सर, जी सर...सम्बोधन से लग रहा था कि दूसरी तरफ फोन पर कोई आला अफसर था। एक अन्य वरिष्ठ अभियंता ने एडीएम से निवेदन किया कि वे मुखिया के पद पर हैं लेकिन दूसरे विभाग में तैनात हैं। ऐसे में विभाग ने जान बूझकर बाहरी समझते हुए उनको मजिस्ट्रेट की ड्यूटी दे दी। उनके कई मातहत हैं जिनको यह ड्यूटी दी जा सकती है।
कुछ के तर्क वाजिब भी हैं
दरअसल कर्मचारियों की ड्यूटी उन्हीं के विभागों से लग रही है। विभाग का मुखिया सूची तैयार करने के बाद एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दे रहा है। इस दौरान यह देखा जा रहा है कि कर्मचारी बीमार या दिव्यांग तो नहीं है। इनमें से कई ऐसे कर्मचारियों की भी ड्यूटी लग गई है जो किसी न किसी रूप में मजबूर हैं। एक कर्मचारी की माता जी गंभीर रूप से बीमार हैं। एक कर्मचारी आया जिसकी पत्नी कैंसर से जूझ रही है।