लखनऊ : शिक्षक से लेकर चपरासी तक की नियुक्त में खेल, राजधानी में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) बने रहना उमेश त्रिपाठी को यूं ही रास नहीं आता।
लखनऊ : राजधानी में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) बने रहना उमेश त्रिपाठी को यूं ही रास नहीं आता। कई विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति ताक पर रखकर की गई है। यही नहीं रोक के बावजूद चपरासी भी भर्ती कर दिए गए। हाई कोर्ट के आदेश पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में सतर्कता अधिष्ठान की जांच में उमेश त्रिपाठी की गर्दन फंसी है। नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियों का जो खेल खेला गया है उसमें करोड़ों के वारे-न्यारे किए।
ताजा मामला दिगंबर जैन इंटर कॉलेज का है, एक ओर उमेश त्रिपाठी सतर्कता की जांच में दोषी पाए जाने के बाद भागे-भागे फिर रहे हैं तो दूसरी ओर उनके द्वारा यहां पर भर्ती किए गए शिक्षक अपना नियुक्ति पत्र लेकर शुक्रवार को दिनभर ज्वाइन करने के लिए दौड़ते रहे। यहां शिकायतकर्ता शिक्षक आशुतोष पांडेय का कहना है कि शिक्षकों के आठ पद सृजित हैं और तीन पहले से नियुक्त हैं, लेकिन छह फिर से गलत ढंग से नियुक्त कर दिए। प्राचार्य भी मनमाने ढंग से नियुक्त कर डाला। सामाजिक विज्ञान के शिक्षक पद पर गलत नियुक्ति की गई। जिस नियुक्ति को 2014 में रद किया गया उसे ही दोबारा गलत ढंग से अल्पसंख्यक कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद अक्टूबर 2016 में फिर से नियुक्ति दे दी।
लालबाग गर्ल्स सहित कई स्कूलों में नियुक्तियों का खेल
लालबाग गर्ल्स कॉलेज में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों के लिए यहां खेल खेला गया। प्राचार्य पद पर विवाद खड़ा किया गया और 12 शिक्षकों की गलत नियुक्ति हुई। प्राचार्य पद पर सपना लेवर्ण व सात शिक्षिकाएं वर्षो से काम कर रही हैं इन्हें वेतन अगस्त से नहीं मिला। वहीं गलत ढंग से भर्ती 12 शिक्षक जो विवाद के कारण विद्यालय नहीं आ रहे उन्हें घर बैठे वेतन मिल रहा है। गिरधारी सिंह इंटर कॉलेज, बाबा ठाकुर दास इंटर कॉलेज में भी नियुक्तियों का खेल किया गया।
3.64 लाख रुपये प्राचार्य के खाते में भेजे, बात नहीं बनी तो शिक्षक को दिए
लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज में प्राचार्य पद पर कार्य कर रहीं सपना लेवर्ण के बैंक खाते में 24 दिसंबर 2016 को 3.64 लाख रुपये भेजे गए। सूत्रों की मानें तो गलत भर्ती शिक्षकों को पहले की तरह वेतन आगे मिले इसकी रकम भेजी गई लेकिन जब बात नहीं बनी तो इसे एक अन्य शिक्षिका एआर सिंह के खाते में बीती दो जनवरी को गुपचुप ढंग से ट्रांसफर कर दिया।
चपरासी भी भर्ती कर दिए
भले ही चपरासी की भर्ती पर रोक बताई जा रही हो लेकिन खालसा इंटर कॉलेज में चपरासी के तीन पदों पर नियुक्ति अभी की गई। बाबा ठाकुरदास इंटर कॉलेज में भी चपरासी के इंटरव्यू किए गए।
सीधे प्रबंधकों के खाते में रकम भेजने का खेल
राजधानी में शिक्षकों की भर्ती में मिली रकम का वारा न्यारा करने के लिए स्कूलों के प्रबंधकों के खाते में सीधे रकम भेजी गई, जबकि वेतन सीधे शिक्षकों के खाते में ही जाता है। इस पर ट्रेजरी में आपत्ति भी हुई। खालसा इंटर कॉलेज सहित कई स्कूलों के प्रबंधकों के खाते में रकम भेजी गई।
फर्जी स्कूलों से लेकर बोर्ड परीक्षा केंद्र तक में रहे विवादित
उमेश त्रिपाठी ने डीआइओएस रहते हुए वर्ष 2012 में राजधानी के 250 फर्जी स्कूलों के खिलाफ एफआइआर करवाई, लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं की। इसी तरह बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में भी उन्होंने खेल करने की कोशिश की, जिसे मंडलायुक्त ने बदला।