ग्रामीण क्षेत्रों के जूनियर स्कूल बनेंगे हाईस्कूल
गोंडा: गांवों में जूनियर स्कूलों की संख्या खूब है, लेकिन हाईस्कूल की कमी है। जिसके कारण आठवीं के बाद बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है। इससे साक्षरता दर भी कम है। इसको देखते हुए जूनियर विद्यालयों का उच्चीकरण करने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों की तलाश शुरू कर दी गई है। इसमें जूनियर स्कूलों का चयन करके उनका हाईस्कूल में उच्चीकरण किया जाएगा।
ग्रामीण अंचलों में साक्षरता दर काफी कम हैं। बालिका शिक्षा दर बहुत कम है। यहां आठवीं तक तो बालिकाएं पढ़ती हैं, लेकिन उसके बाद इनकी संख्या में कमी आ जाती है। इसका प्रमुख कारण नजदीक में हाईस्कूल के विद्यालयों की कमी को माना जा रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए माध्यमिक शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक जीतेंद्र कुमार ने जूनियर स्कूलों को हाईस्कूल में उच्चीकृत करने का निर्देश दिया है। इसके बाद जिले में स्कूल की तलाश शुरू कर दी गई है। योजना के तहत जिले में 125 स्कूलों का उच्चीकरण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए उच्च प्राथमिक स्कूलों के छात्र संख्या व स्कूलों की उपलब्धता को खंगाला जा रहा है। जनवरी तक सारी कार्रवाई पूरी करके शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। जिससे बाद स्कूलों के उच्चीकरण की कार्रवाई शुरू होगी।
यहां बनेगा स्कूल
- माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत ऐसे जूनियर स्कूलों की तलाश की जा रही है। जहां आठवीं की संख्या दो सौ से अधिक हो। इसी के साथ ही वहां पांच से सात किलो मीटर की दूरी में कोई राजकीय या एडेड स्कूल न हो। उन जगहों पर जूनियर हाईस्कूल को हाईस्कूल के रूप में उच्चीकृत किया जाएगा।
बोले जिम्मेदार
इस संबंध जिला विद्यालय निरीक्षक राम खेलावन वर्मा कहना है कि जूनियर स्कूलों को उच्चीकृत करने के लिए स्कूल तलाशे जा रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग से प्रस्ताव भी मांगा गया है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेज दिया जाएगा