अभिभावक कर रहे बच्चों की पढ़ाई की निगरानी
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : परिषदीय स्कूलों में ककहरा की गूंज अब कमजोर नहीं होगी। एसएमसी के जरिए अभिभावकों को सरकार ने कई अधिकार दिए हैं।
परिषदीय स्कूलों में स्कूल प्रबंध कमेटी का गठन सरकार ने किया है। कमेटी में स्कूली बच्चों के अभिभावकों को ही शामिल किया है। इसके पीछे प्रमुख वजह है अपने बच्चों के प्रदर्शन से अभिभावक स्कूल में शिक्षण की स्थिति पर घर पर रहते हुए भी नजर रख सकते हैं। वहीं इस कमेटी को कई अधिकार भी दिए हैं। शासनादेश के तहत व्यवस्था की गई है कि स्कूल प्रबंध कमेटी की एक बार बैठक अवश्य हो। इसमें कमेटी सदस्यों के रूप में अभिभावक शामिल होंगे तो अन्य अभिभावक भी अपनी बात रख सकते हैं। शासन की मंशा है कि इससे स्कूल में शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव आएंगे और उन सुझावों से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। प्रबंध कमेटी सदस्य के रूप में शामिल निरक्षर अभिभावकों के लिए विभाग प्रशिक्षण भी दे रहा है। जहां अभिभावक सक्रिय हैं, वहां एसएमसी काफी प्रभावी है। जसराना के उच्च प्राथमिक स्कूल में एसएमसी की बदौलत काफी सुधार हुए हैं।
एक नजर में समिति--
-15 सदस्यीय होती है समिति।
-11 अभिभावक होते हैं शामिल।
-अभिभावक ही बनाए जाते हैं अध्यक्ष।
-अभिभावकों में 50 फीसद महिलाएं जरूरी।
-एक क्षेत्रीय लेखपाल सदस्य।
-एक एएनएम होती हैं सदस्य।
-दो अन्य सरकारी कर्मचारी होते हैं शामिल।
समिति के कार्य एवं अधिकार--
-स्कूल में पठन पाठन का वातावरण बनाना।
-स्कूल में शिक्षण व्यवस्था को देखना।
-बच्चों की समस्या पर स्कूल में सलाह दें।
-स्कूल में शासन से आए धन के प्रयोग की निगरानी करना।