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लखनऊ : जली रोटी-गर्म पानी पी रहे नौनिहाल, 126 बच्चों के लिए पहुंचता है नाम मात्र का ‘‘मील’, जांच कमेटी के संस्तुति बिना ही दोबारा मिला ठेका

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लखनऊ : जली रोटी-गर्म पानी पी रहे नौनिहाल, 126 बच्चों के लिए पहुंचता है नाम मात्र का ‘‘मील’, जांच कमेटी के संस्तुति बिना ही दोबारा मिला ठेका

लखनऊ। खाने में कीड़ा निकलने पर 2015 में छत्तीसगढ़ सेवा समिति को तत्कालीन जिलाधिकारी राजशेखर ने न केवल रोक लगा दी थी बल्कि जांच भी बैठा दी थी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से न रब्बानी अलवी न केवल पुलिस के मुकदमे से बच गया बल्कि ऊंची पहुंच के चलते दो महीने पूर्व दोबारा ठेका भी पा गया। इस बावत एमडीएम के जिला समन्वयक आनन्द गौड़ ने कहा कि छत्तीसगढ़ सेवा समिति को कुछ दिन पूर्व ही दोबारा काम सौंपने के निर्देश दिये गये है, जिसके बाद उक्त संस्था को बीस स्कूलों के 4794 बच्चों का काम सौंपा गया है। उन्होंने जांच के बारे में कुछ भी बताने से इन्कार किया है। देर शाम बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी से जब दागी समिति को ठेका देने व स्कूलों में मिड डे मील की निराशाजनक स्थिति के बारे में पूछा गया तो मामले को टाल दिया।

दागी समिति को बैक डेट में दे डाला पांच हजार बच्चों के खाने का ठेका

लखनऊ (एसएनबी)। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चल रही मिड डे मील योजना में भले ही केक व दूध देने के वादे राजनीतिक दलों द्वारा वादे किये जा रहे हों, लेकिन फिलहाल तो इन नौनिहालों के लिए जो मेन्यू सरकार ने तय है वही मिलना मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों की फौज कागजों पर सब कुछ चाक-चौबन्द होने की बात कहती है, लेकिन मौके पर हाल कुछ और ही है। राजधानी के शहरी इलाकों में मिड डे मील के नाम पर छलावा किया जा रहा है, यहां पर दाल की जगह पर गर्म पानी व जली रोटी खिलाकर दागी संस्था लाखों रुपये का बंदरबांट कर रही है।

जिलाधिकारी कार्यालय से महज आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित बालिका विद्यालय निकेतन बाला कदर रोड में छात्राओं को गर्म पानी व जली रोटियां खिलाकर सरकारी मिड डे मील बांटा जा रहा है। स्कूल के बरामदे में एक कोने पर पांच लीटर की बाल्टी में जहां थोड़ा सी दाल रखी है तो वहीं एक दूसरे बाल्टी में कुछ जली रोटियां छात्राओं 126 छात्राओं को मुंह चिढ़ा रही हैं। दरअसल इस स्कूल में 126 छात्राओं को मिड डे मील बांटा जाता है, लेकिन रोजाना मात्र आठ-दस बच्चों के लिए ही यहां पर खाना आता है। छात्राओं ने कैमरे पर न आने की शर्त पर बताया कि यहां पर ऐसे ही कुछ जली-कच्ची रोटियां व दाल रख दी जाती है, जिन्हें वे लोग छूते तक नहीं। मजेदार बात यह है कि स्कूल की प्रधानाचार्या मंजू रानी सिन्हा से जब इस बारे में पूछा गया तो वह आवश्यक काम का बहाना बताकर चली गयीं, जबकि पत्रकारों के कैमरे देखकर स्कूल के क्लर्क एस.पी.सिंह ने बदसलूकी करना शुरू कर दिया। इस स्कूल को मिड डे मील बांटने का जिम्मा दागी संस्था छत्तीसगढ़ सेवा समिति को दिया गया है। उक्त संस्था द्वारा बांटे गये भोजन में कीड़ा मिलने के बाद से तत्कालीन जिलाधिकारी राजशेखर ने बैन कर दिया था, लेकिन ऊंची पहुंच के चलते पिछले दिनों ही इसे दोबारा बैक डेट में खाना बांटने का काम सौंप दिया गया है। इस दौरान मीडिया को देखते ही वहां मौजूद समिति के संचालक रब्बानी अलवी भाग निकले।

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