इलाहाबाद : 1.37 लाख शिक्षामित्रों का भविष्य आज शीर्ष अदालत में तय होगा!
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षामित्रों एवं शिक्षकों के नियुक्ति पर सुनवाई की घड़ी आ गई है। शीर्ष कोर्ट में बुधवार को एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन एवं 72 हजार शिक्षक भर्ती व टेट उत्तीर्ण युवाओं के प्रकरण की सुनवाई होगी। पिछले एक वर्ष से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की सुनवाई लगातार टल रही है। उम्मीद है कि इस बार कुछ आगे बढ़ेगी और समायोजन एवं नियुक्तियों पर छाई धुंध शीर्ष कोर्ट से छंट जाएगी।
सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को समायोजन रद कर दिया था। इस आदेश के बाद करीब 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन भी रोक दिया गया। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने सात दिसंबर 2015 को समायोजित शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती टेट मेरिट एवं बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर हुई। साथ ही 12091 की नियुक्ति, 1100 याची प्रकरण आदि मामले शीर्ष कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन हैं।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षामित्रों एवं शिक्षकों के नियुक्ति पर सुनवाई की घड़ी आ गई है। शीर्ष कोर्ट में बुधवार को एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन एवं 72 हजार शिक्षक भर्ती व टेट उत्तीर्ण युवाओं के प्रकरण की सुनवाई होगी। पिछले एक वर्ष से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की सुनवाई लगातार टल रही है। उम्मीद है कि इस बार कुछ आगे बढ़ेगी और समायोजन एवं नियुक्तियों पर छाई धुंध शीर्ष कोर्ट से छंट जाएगी।
सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को समायोजन रद कर दिया था। इस आदेश के बाद करीब 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन भी रोक दिया गया। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने सात दिसंबर 2015 को समायोजित शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती टेट मेरिट एवं बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर हुई। साथ ही 12091 की नियुक्ति, 1100 याची प्रकरण आदि मामले शीर्ष कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन हैं।