यूपीबोर्ड : देर आये, दुरुस्त आये, इंटरमीडिएट व हाईस्कूल की 16 मार्च से होने वाली परीक्षाओं के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे
यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट व हाईस्कूल की 16 मार्च से होने वाली परीक्षाओं के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। यह व्यवस्था पहली बार लागू की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव शैल कुमारी के अनुसार 25 फरवरी तक प्रवेश पत्र ऑनलाइन उपलब्ध करा दिए जाएंगे। छात्र-छात्रओं को अपनी संस्था के प्रधानाचार्य से इनका सत्यापन कराना होगा, तभी यह मान्य होंगे। यूपी बोर्ड द्वारा तकनीक के इस दौर में समय के साथ चलने के समय-समय पर प्रयास होते रहते हैं। हालांकि अधिकतर प्रयासों का क्रियान्वयन सही तरीके से न होने पर वे छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों को कोई सहूलियत देने के बजाय खीज ज्यादा पैदा करते हैं। एशिया की सबसे बड़ी परीक्षा कराने का तमगा लेकर इतराने वाले यूपी बोर्ड ने कुछ दशकों में परीक्षाओं की शुचिता बनाने और उनका स्तर सुधारने के कई प्रयास किये। कभी स्वकेंद्र तो कभी सपुस्तक प्रणाली को अपनाया। हालांकि बाद में किन्हीं कारणों से इन्हें अव्यवहारिक मान कर इनको वापस भी ले लिया।
पिछले साल परीक्षा ड्यूटी में लगे शिक्षकों की हाजिरी एसएमएस द्वारा कराये जाने की व्यवस्था उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। परीक्षाओं में नकल रोकने और नकल के लिए कुख्यात परीक्षा केंद्रों को काली सूची में डालने की कवायद हर साल औंधे मुंह गिरती है। नकल कराने वाले केंद्र न केवल अपने को बहाल कराने में कामयाब हो जाते हैं बल्कि वहां से परीक्षा देने वाले बहुत शानदार अंकों से परीक्षा में सफल हो जाते हैं। कुछ दशकों से यूपी बोर्ड का स्तर काफी गिरा है। इसके लिए सरकार के स्तर से भी कुछ खास नहीं किया गया। बोर्ड में शीर्ष पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों से भी स्थिति जटिल हुई हैं। नेताओं द्वारा खोले गये कालेजों में बोर्ड के नियमों का पालन ठीक से नहीं हो पाता। यूपी बोर्ड की तुलना यदि सीबीएसई से करें तो वहां एक अलग ही नजारा दिखता है। सीबीएसई से संबद्ध कालेजों में जहां सभी नियम कायदों का पालन होता है वहीं यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में हरदिन नियमों की धज्जियां उड़ती दिखती है। सीबीएसई की परीक्षाएं कब शुरू हुईं और कब संपन्न हुईं, सब कुछ इतनी शांति से होता है कि लोग जान भी नहीं पाते। वहीं यूपी बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले लगता है कि कोई युद्ध शुरू होने जा रहा। सामूहिक नकल करने के अलावा प्रश्नपत्रों के आउट होने के मामले इतने ज्यादा होते हैं कि न केवल प्रदेश बल्कि देश भर में ये मामले सुर्खियां बनते हैं। इस बार की परीक्षाएं नई सरकार की सरपरस्ती में होंगी। उम्मीद है कि बोर्ड इस बार ठीक से संपन्न कराकर अपनी साख को बहाल करेगा।