सम्भल, मॉडल स्कूल : कॉन्वेंट को मात दे रहा इटायला माफी का बेसिक स्कूल, बच्चे साथियों और शिक्षकों से अंग्रेजी में करते हैं संवाद, 2010 में थे 97 छात्र लेकिन अब विद्यालय में बढ़कर हो गए हैं 308 बच्चे
गजेंद्र कुमार ’ सम्भल । ये उसी प्रदेश की तस्वीर है जहां तमाम सरकारी विद्यालय सुविधाओं का रोना रोते रहते हैं। ऐसी बे तस्वीर, जिस पर इस गांव को शिक्षकों को और विद्यार्थियों को बड़ा नाज है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के लिए इटायला माफी गांव का प्राथमिक विद्यालय शानदार नजीर बन गया है। पार्किंग स्थल बन चुके गांव के स्कूल में 2010 से नई क्रांति आई। छात्रों की संख्या बढ़ गई। भवन को भी नया रूप दिया गया। कॉन्वेंट की तरह छात्र भी साफ-सुथरी यूनिफार्म पहने गले में आइ कार्ड लटकाकर आने लगे। छात्रों की आपसी बोलचाल और शिक्षकों से संवाद भी अंग्रेजी में होने लगा। माहौल ऐसा हो गया जैसे कि किसी बड़े शहर का स्कूल हो।
सम्भल और मुरादाबाद जिले के बॉर्डर पर बसे इस गांव में क्रांति की नई इबारत लिखने वाले प्रधानाध्यापक कपिल कुमार हैं। असमोली विकास खंड के इटायला माफी गांव के प्राथमिक स्कूल को उन्होंने 2010 में ज्वाइन किया। स्कूल की चहारदीवारी टूटी थी। 97 बच्चे पंजीकृत तो थे पर उपस्थिति 30 फीसद ही रहती थी। ग्रामीण अपने वाहनों को स्कूल परिसर में खड़ा कर देते थे। उन्होंने विरोध किया और कई ग्रामीणों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई। अतिक्रमण हटवाया और चहारदीवारी भी बनवाई। साथ ही ग्रामीणों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का अभियान छेड़ दिया। ग्रामीणों ने नई पीढ़ी के भविष्य के प्रति एक शिक्षक की चिंताओं का सम्मान करते हुए भरपूर सहयोग देना शुरू कर दिया। सतत सवांद का नतीजा यह हुआ कि छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। वर्ष 2011 में 108, फिर अगले सत्र में 117 और 2013 में 236 हो गई। मौजूदा सत्र में 308 बच्चे पढ़ रहे हैं। शिक्षा के स्तर में भी अभूतपूर्व बदलाव किया। इन सब खूबियों के चलते 2013 में स्कूल को ब्लाक का सर्वश्रेष्ठ और मार्च 2016 में जिले का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय चुना गया। पांच सितंबर 2016 को प्रदेश स्तर पर सम्मानित भी किया गया।
इसलिए खास है स्कूल
प्रधानाध्यापक ने स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ आसपास के वातावरण को भी बेहतर किया है। शिक्षकों और बच्चों की मदद से स्कूल के मैदान को हर-भरा किया। 300 गमले और 145 पेड़-पौधे स्कूल का नजारा बदल रहे हैं। आने वाला हर व्यक्ति स्कूल को शहर के कॉन्वेंट स्कूल की संज्ञा दिए बिना नहीं रहता।
प्रोजेक्टर से होती है पढ़ाई
स्कूल में किसी चीज की कमी नहीं है। पांच शिक्षक यहां हैं। सभी कक्षाओं के बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं। प्रोजेक्टर से पढ़ाया जाता है, आधुनिक व्हाईट बोर्ड पर शिक्षण कार्य कराया जाता है। कम्प्यूटर और लैब भी है। सीसीटीवी से बच्चों और शिक्षकों पर नजर रखी जाती है। अच्छा प्रदर्शन करने पर बच्चे को स्टार ऑफ द क्लास अवॉर्ड दिया जाता है। यहां स्वेच्छा से शिक्षकों की हाजिरी बॉयोमीटिक मशीन से लगाई जाती है। अभिभावकों की मासिक बैठक भी होती है। हर महीने के अंत में बच्चों का जन्मदिन भी मनाया जाता है।
बेहतरीन रंग-रोगन और सजावट से भरपूर इटायला माफी स्थित प्राथमिक विद्यालयस्कूल को मॉडल बनाया गया है। अतिक्रमण मुक्त कराते हुए इसे हरियाली से आच्छादित किया गया। सबको सबक लेना चाहिए। यह आइडियल स्कूल है।
- सत्य नारायण, बीएसए
हमने इसे बेहतर बनाने की दिशा में दिन-रात काम किया। एक जुनून था कि वर्तमान व्यवस्था में ही कुछ बेहतर कर सकें। ऐसा करके भी दिखा दिया। जब सरकार करोड़ों रुपये स्कूलों पर खर्च कर रही है तो हम अच्छा काम क्यों नहीं कर सकते।
- कपिल कुमार, प्रधानाध्यापक
स्कूल हमारे गांव का नाम रोशन कर रहा है। हम सभी ने मेहनत करके इस मुकाम तक पहुंचाया। प्रदेश के अच्छे स्कूलों में स्थान हासिल करने से पूरा गांव खुश है।
- भूरी, प्रधान, इटायला माफी