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इलाहाबाद : शारीरिक शिक्षा को लेकर घिरा चयन बोर्ड, संशोधित उत्तरकुंजी तीन बार जारी, फिर भी असंतोष, 2011 की उत्तरकुंजी ने व्यवस्था की पोल खोली

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इलाहाबाद : शारीरिक शिक्षा को लेकर घिरा चयन बोर्ड, संशोधित उत्तरकुंजी तीन बार जारी, फिर भी असंतोष, 2011 की उत्तरकुंजी ने व्यवस्था की पोल खोली

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड शारीरिक शिक्षा विषय के परिणाम व उत्तरकुंजी को लेकर निशाने पर है। स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी 2013 का प्रकरण अभी खत्म भी नहीं हो पाया था कि 2011 की उत्तरकुंजी ने पूरी व्यवस्था की पोल खोल दी है। जिस तरह से चारों सीरीज के उत्तर का आप्शन समान है वह महज संयोग नहीं हो सकता, बल्कि बड़ी चूक है।

चयन बोर्ड ने जब टीजीटी 2013 शारीरिक शिक्षा की उत्तरकुंजी की जारी की, उसी समय से अभ्यर्थी खफा हैं, क्योंकि तमाम प्रश्नों के उत्तर गलत दिए गए थे। आपत्तियां मिलने पर कुछ सवाल के जवाब ठीक किए गए, उसमें भी तमाम छूट गए। इसीलिए चयन बोर्ड को तीन बार संशोधित रिजल्ट जारी करना पड़ा।

इसके बाद भी सभी प्रश्नों के उत्तर दुरुस्त नहीं हो सके। फिजिकल एजूकेशन की केवल बुकलेट सीरीज ‘बी’ ही नहीं ‘डी’ में भी गलत जवाब वाले सवालों की भरमार रही। अभ्यर्थी विजय पांडेय और प्रतियोगी मोर्चा के रिंकू सिंह आपत्तियां देते थक गए, लेकिन सवाल नहीं सही हो सके। उधर, चयन बोर्ड ने कहा कि तीन विशेषज्ञों की राय लेकर परिणाम में संशोधन कराया जा चुका है अब कोई बदलाव नहीं होगा। इस पर अभ्यर्थी न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं।

2013 टीजीटी का प्रकरण खत्म भी नहीं हो पाया है कि अब 2011 की खामी सामने आ गई है। वैसे तो 2011 के कई सवालों के जवाब पर अभ्यर्थियों को आपत्ति हैं, लेकिन उससे भी बड़ी चूक चारों बुकलेट सीरीज के सभी प्रश्नों का आप्शन समान होना है। यह कैसे हुआ इसका जवाब भी किसी को सूझ नहीं रहा है। सूत्रों ने तो यह भी बताया कि जिन विशेषज्ञों ने प्रश्नपत्र तैयार किए उन्होंने अलग-अलग बुकलेट सीरीज में आप्शन का क्रमांक बदला ही नहीं है। अंदेशा है कि अपनों को मदद करने के लिए ऐसा कदम उठाया गया। वहीं, चयन बोर्ड के कुछ अफसर इसे संयोग बता रहे हैं, हालांकि जांच पूरी होने के बाद भी इस पर स्थिति साफ हो सकेगी।

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