लखनऊ : डीआइओएस की भी नहीं सुनते हैं कॉलेज, बढ़ाई जाएगी तारीख
जागरण संवाददाता, लखनऊ : कक्ष निरीक्षक की तैनाती के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ने 20 फरवरी को जिले के 743 इंटरमीडिएट कॉलेजों से शिक्षकों का ब्योरा मांगा था। 26 फरवरी अंतिम तिथि निधार्रित की गई थी। मगर अंतिम तिथि तक महज 20-25 कॉलेजों ने ही शिक्षकों का ब्योरा मुहैया कराना मुनासिब समझा। स्पष्ट है कि जिले के शिक्षण संस्थान डीआइओएस की नहीं सुनते। अब कक्ष निरीक्षकों का ब्योरा और उनके सत्यापन को लेकर विभाग को कोई भी जिम्मेदार स्पष्ट नहीं कर पा रहा है।
डीआइओएस बोले, बढ़ाई जाएगी तारीख
जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षकों का ब्योरा 26 फरवरी तक मुहैया कराने को कहा गया था। अभी कुछ ही कॉलेजों ने ब्योरा उपलब्ध कराया है। इस कारण तारीख बढ़ानी पड़ सकती है। उनका दावा है कि शिक्षकों का ब्योरा मिलते ही सभी के सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। कॉलेज कब ब्योरा मुहैया कराएंगे और विभाग कब शिक्षकों का सत्यापन कराएगा, इसे लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय सवालों के घेरे में हैं। परीक्षा में महज 16 दिन शेष हैं, ऐसे में विभाग शिक्षकों की योग्यता की जांच कैसे करेगा? यह बड़ा सवाल।
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संयोजक डॉ आरपी मिश्र का कहना है कि कक्ष निरीक्षकों के चयन की प्रक्रिया केंद्र निर्धारण के दौरान ही करनी चाहिए थी। विभाग के अधिकारी नकलमाफियाओं के दबाव में जानबूझ कर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती में हीलाहवाली कर रहे हैं। डॉ मिश्र का कहना है कि कक्ष निरीक्षकों की चयन प्रक्रिया के लिए कम समय में ही सारा खेल किया जाता है। 5000 कक्ष निरीक्षकों का सत्यापन एक बड़ा कार्य है। इसके लिए पर्याप्त समय होना चाहिए।1कराया जाएगा सत्यापन1कक्ष निरीक्षकों की तैनाती को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी का कहना है कि बीते वर्ष रहे कक्ष निरीक्षकों से ही इस बार भी परीक्षा कराई जाएगी। सभी का सत्यापन कराया जाएगा।’>>आदेश के बावजूद कॉलेजों ने शिक्षकों का नहीं उपलब्ध कराया ब्योरा1’>> की शुचिता पर मंडरा रहा खतरा, जिम्मेदार बने हैं अनजान ।