कानपुर : खंड शिक्षा अधिकारी भी फर्जीवाड़े से सस्पेंड
डीएम की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम के अधिशासी अभियंता के निलंबन के बाद चौबेपुर के खंड शिक्षा अधिकारी के निलंबन का मामला सामने आया है। खंड शिक्षा अधिकारी को भी डीएम की भेजी आख्या के आधार पर सस्पेंड कर दिया गया। निलंबन आदेश पाकर जब खंड शिक्षा अधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे तो अफसरों के होश उड़ गए। जिलाधिकारी ने एबीएसए का निलम्बन वापस लेने के लिए शासन को पत्र लिखा है।
चौबेपुर ब्लाक के एबीएसए देवेन्द्र सिंह पटेल निलंबन आदेश से परेशान हो गए। उन पर भी नगर निगम के अधिशासी अभियंता जैसे आरोप लगाए गए थे। उन पर आरोप था कि वह एक पार्टी विशेष का प्रचार कर रहे हैं और लोगों को उसी प्रत्याशी को वोट देने को तैयार कर रहे। इसके साथ ही कुछ शिक्षकों को लामबंद करने का भी आरोप है। आरोप देख एबीएसए हैरत में पड़ गए। उन्होंने ऐसा कुछ किया नहीं। उनके खिलाफ कब जांच हुई? उनसे जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की ओर से कोई स्पष्टीकरण भी नहीं मांगा गया। आख्या रिपोर्ट कैसे पहुंच गई? शनिवार को जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा से अपनी पीड़ा बताने पहुंचे तो मामला खुला। एक ही तरह की आख्या रिपोर्ट पर अफसर निलंबित हो रहे हैं? उप जिला निर्वाचन अधिकारी समीर वर्मा से भेंट की। उन्होंने एबीएसए को आश्वस्त किया कि कुछ नहीं होगा, यह किसी की शरारत है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा का कहना है कि उन्होंने एबीएसए के खिलाफ कोई जांच नहीं की। न ही कोई आख्या रिपोर्ट भेजी है। निलंबन रद करने के लिए पत्र भेजा गया है।
आखिर कौन चला रहा डीएम के हस्ताक्षर का फर्जीवाड़ा!
- एडीएम की अध्यक्षता में गोपनीय कमेटी
- क्राइम ब्रांच की टीमें भी कर रही जांच
कानपुर। वरिष्ठ संवाददाता
आचार संहिता लागू होने के बीच में जिलाधिकारी के हस्ताक्षर की फर्जीवाड़ा कौन कर रहा है? इसके पीछे कौन लोग हो सकते हैं? शासन के साथ होने वाली लिखापढ़ी में कोई बड़ा फर्जीवाड़ा तो नहीं कर दिया है? इसकी जांच हो रही है।
हस्ताक्षर में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर एक एडीएम की अध्यक्षता में आंतरिक कमेटी बनी है जो अपने स्तर से जांच कर रही है। पुलिस की क्राइम ब्रांच भी अलग से जांच कर रही है। इस जांच में मदद कर रही है। इसका जल्द ही खुलासा होने की उम्मीद जताई गई है। अधिकारी इस बात को लेकर अधिक परेशान हैं कि यह नेटवर्क कहां से संचालित हो रहा। एक ही तरह की आख्या रिपोर्ट कैसे भेजी जा रही है? ऐसे तो अहम दस्तावेजों के साथ भी छेड़छाड़ हो सकती है। उधर डीएम कौशलराज शर्मा का कहना है कि धोखाधड़ी करने वाले जल्द ही पकड़े जाएंगे। जांच की जा रही है।