सहारनपुर : चिकित्सीय अवकाश के लिए बीईओ के पास जाओ
ब्यूरो/अमर उजाला, सहारनपुर । बेसिक शिक्षा विभाग के एक फरमान से शिक्षकों में नाराजगी है। मामला शिक्षकों के चिकित्सीय अवकाश से जुड़ा है। नए फरमान के तहत शिक्षकों को चिकित्सीय अवकाश लेने से पहले बीईओ के सामने उपस्थित होना होगा। भले ही शिक्षक की तबियत कितनी भी खराब क्यों न हो।
अभी तक परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को चिकित्सीय अवकाश लेने से पहले बीआरसी पर फोन करके मेडिकल कोड लेना पड़ता था। उस कोड के आधार पर उनको चिकित्सीय अवकाश दे दिया जाता था। स्वस्थ होने के बाद शिक्षक को अपने मेडिकल कोड के साथ विद्यालय में जमा करना पड़ता था लेकिन पिछले कई दिनों से मुजफ्फराबाद और सढ़ौली कदीम ब्लॉक में अवकाश लेने की इस प्रक्रिया को बदल दिया गया है।
खंड शिक्षा अधिकारी ने चिकित्सीय अवकाश लेने से पहले शिक्षकों को स्वयं उपस्थित होकर प्रार्थना पत्र पर उनके हस्ताक्षर कराने के निर्देश जारी किए हैं। नए फरमान में यह भी कहा गया कि जो शिक्षक उनके हस्ताक्षर नहीं कराएगा उनको चिकित्सीय अवकाश नहीं दिया जाएगा। विभाग के इस फरमान से शिक्षकों में टेंशन है। उनका कहना है कि तबियत बिगड़ने पर वह पहले अस्पताल जाकर इलाज कराएंगे या अवकाश लेने के लिए बीईओ के चक्कर काटेंगे।
इस संबंध में प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संदीप सिंह पंवार का कहना है कि विभाग के इस फरमान का विरोध कर अवकाश लेने की पुरानी प्रक्रिया लागू कराई जाएगी। जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सेठपाल सिंह, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजकुमार चौधरी आदि ने भी विभाग के इस रवैये पर रोष जताया।
प्रतिकर अवकाश पर भी रोक
साढ़ौली कदीम और मुजफ्फराबाद ब्लॉक में जिन शिक्षकों की पोलियो आदि में ड्यूटी लग जाती थी, उनको अलग से एक अवकाश दिए जाने का प्रावधान है लेकिन ब्लॉक के शिक्षकों को दिए जाने वाले इस अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। जबकि बीएसए को इसकी जानकारी ही नहीं है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाया कदम
ज्यादातर शिक्षक मेडिकल अवकाश लेकर पिकनिक आदि मनाते हैं। ऐसे में अब उन्हें चिकित्सीय अवकाश लेने से पहले स्वयं उपस्थित होना पड़ेगा। यह कदम अवकाश के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
- राजमोहन, बीईओ, मुजफ्फराबाद और सढ़ौली कदीम ब्लॉक
ऐसा कोई प्रावधान नहीं
अवकाश लेने के लिए इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। यदि किसी ब्लॉक में ऐसा किया जा रहा है तो वह पूर्णतया नियम विरुद्घ है। मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
- बुद्घप्रिय सिंह, बीएसए