बटाई पर विद्यालय की भूमि देकर हड़प लिया खाद्यान्न
बदायूं : तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डन ने कमाई जा जरिया बना डाला। छात्राओं को ताजा सब्जी खिलाने व विद्यालय को हरा-भरा रखने के लिए उन्होंने वार्डनों को विद्यालय में किचिन गार्डन बनाने का निर्देश दिया था। जिसपर उसावां की वार्डन ने विद्यालय में अन्य चीजें बटाई पर उगवाकर खाद्यान्न को विद्यालय में खर्च नहीं किया और खुद ही हड़प कर गईं। इसका लेखा-जोखा भी विद्यालय में नहीं रखा गया। दो खंड शिक्षा अधिकारियों की जांच में कमियां सामने आने पर बटाईदार व वार्डन को बुलाया गया, लेकिन कोई उपस्थित नहीं हुआ। जिसपर बीएसए ने एक बार फिर उपस्थित होने का निर्देश दिया है, अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बा विद्यालयों को सुसज्जित करने के लिए तत्कालीन बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा ने किचिन गार्डन बनाकर सब्जियां उगाने को कहा था। ज्यादातर वार्डनों ने तो निर्देश का पालन कर छात्राओं को ताजा सब्जियां खिलाईं, लेकिन उसावां की वार्डन ने इसका फायदा उठाया। 4 बीघा में उर्द व एक बीघा में अरबी की खेती कराई। इसके लिए न तो विभागीय अधिकारियों से अनुमति ली और न ही आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। सुनेसर गांव के कृषक को बटाई पर भूमि दी गई। फसल उगाने के बाद भूमि को समतल भी नहीं किया गया। विद्यालय के समरसेवल का पानी का उपयोग किया गया। बीएसए को शिकायत प्राप्त होने के बाद जगत विकास क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी सोमनाथ विश्वकर्मा व उसावां के खंड शिक्षा अधिकारी प्रवीण शुक्ल से जांच कराई गई थी। जिनकी जांच के आधार पर वार्डन व बटाईदार का पक्ष सुनने को उन्हें बुलाया गया, लेकिन कोई उपस्थित नहीं हुआ। वार्डन को अंतिम नोटिस दिया है। उपस्थित न होने पर आदेशों की अवहेलना व मामले में संलिप्त होने का दोषी मानते हुए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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पहले भी हो चुकी हैं शिकायतें
उसावां का बा विद्यालय पहले भी शिकायतों से घिरा रहा है। चाहें वह जेनरेटर के किराए पर देने की बात हो या छात्राओं को सही ढंग से भोजन न देने की या फिर शौचालय बंद करके किचिन बनाने की, लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई। हर बार की तरह इस बार भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।