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इलाहाबाद : ऑनलाइन डिग्री का रास्ता साफ, रुकेगा फर्जीवाड़ा

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इलाहाबाद : ऑनलाइन डिग्री का रास्ता साफ, रुकेगा फर्जीवाड़ा

अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । कोई बड़ी बाधा नहीं आई तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय में डिग्री, मार्कशीट तथा अन्य डाक्यूमेंट ऑनलाइन करने की प्रक्रिया इसी सत्र से लागू कर दी जाएगी। इसके लिए परीक्षा समिति से अनुमति मिल गई है। अब भारत सरकार की ओर से अधिकृत दो संस्थाओं में से किसी एक से समझौता किया जाना है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। जल्द ही संस्था से समझौता की उम्मीद है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद फर्जी डिग्री और अंकपत्र के आधार पर नौकरी पाने जैसी जालसाजी पर अंकुश लगने की बात कही जा रही है।

डिजिटल इंडिया के अंतर्गत सभी विश्वविद्यालयों की डिग्री, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा आदि डाक्यूमेंट ऑनलाइन किए जाने हैं। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से एनडीएसएल डाटा बेस मैनेजमेंट लिमिटेड तथा सीडीएसएल वेंचर लिमिटेड को अधिकृत किया है। विश्वविद्यालयों को इनमें से किसी एक से समझौता करना होगा। इस आधार पर विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों की मार्कशीट समेत अन्य डिटेल संस्था को उपलब्ध कराने होंगे। मंत्रालय की ओर से विश्वविद्यालयों को इस बाबत नवंबर में पत्र भेजा गया था। उसी परिप्रेक्ष्य में इलाहाबाद विश्वविद्यालय परीक्षा समिति ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय में नोडल सेंटर बनाया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर एचएस उपाध्याय ने बताया कि इसके लिए आगे की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। संबंधित संस्था से किन-किन बिंदुओं पर समझौता होना है इसका मसौदा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समझौता हो गया तो सत्र 2016-17 से ही नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री, मार्कशीट के आधार पर नौकरी हथियाने की सैकड़ों शिकायतें हैं। इसके पीछे पूरा नेटवर्क काम कर रहा है। जालसाज सत्यापन के लिए आने वाले डाक्यूमेंट तथा विश्वविद्यालय की रिपोर्ट को बीच में ही हाईजैक कर लेते हैं और मनचाही रिपोर्ट तैयार कर संबंधित संस्था को भेज देते हैं। दावा है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह फर्जीवाड़ा संभव नहीं होगा। नौकरी देने वाली संस्थाएं किसी भी अभ्यर्थी का ऑनलाइन सत्यापन खुद कर सकेंगी। खास यह कि सत्यापन किसी भी वक्त किया जा सकेगा। दिन-रात की पाबंदी नहीं होगी। इसके लिए बस उन्हें मंत्रालय से अधिकृत संस्था या विश्वविद्यालय में आवेदन करना होगा। निर्धारित शुल्क जमा करने पर कोड मिलेगा। उसके आधार पर ऑनलाइन सत्यापन किया जा सकेगा।

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