इलाहाबाद : सरकारी, अर्धसरकारी और निजी संस्थानों में तैनात सभी संविदा कर्मी अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य होंगे।
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । सरकारी, अर्धसरकारी और निजी संस्थानों में तैनात सभी संविदा कर्मी अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य होंगे। इसके लिए ईपीएफओ की ओर से कर्मचारी पंजीकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक हजारों संविदा कर्मियों को ईपीएफओ ने अपना सदस्य बना लिया है। साथ ही ईपीएफओ के अफसरों ने केंद्रीय एवं राजकीय विभागों के साथ बैठक कर उनके अफसरों से कहा है कि वहां जो भी संविदाकर्मी काम कर रहे हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से ईपीएफओ का सदस्य बनाया जाए ताकि कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत भविष्य निधि का लाभ मिल सके।
इलाहाबाद की ही बात करें तो यहां स्थित उप क्षेत्रीय कार्यालय के तहत पांच जिले कवर होते हैं। इनमें इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फैजाबाद और सुल्तानपुर शामिल हैं। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त जेके संघाले के अनुसार कर्मचारी पंजीकरण अभियान के तहत हाल ही में इलाहाबाद एवं फैजाबाद में स्थित ईसीएचएस हेडक्वाटर के संविदा कर्मिंयों को इससे जोड़ा गया है। इसके अलावा एनआरएचएम के तहत डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सोसाइटी में काम कर रहे संविदा कर्मियों का भी अभियान चलाकर पंजीकरण किया जा रहा है।
इससे तकरीबन 1500 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इलाहाबाद, फैजाबाद, प्रतापगढ़ को तो कोड भी आवंटित कर दिया गया है। इन जिलों से तकरीबन छह सौ कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है। कौशाम्बी और सुल्तानपुर के कर्मचारियों को भी जल्द ही ईपीएफओ का सदस्य बना लिया जाएगा। लखनऊ स्थित एनआरएचएम मुख्यालय से कर्मचारियों के ईपीएफ के लिए बजट भी आवंटित कर दिया गया है।
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने गत दिनों रेलवे, सीपीडब्ल्यूडी, एनटीपीसी समेत कई केंद्रीय विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के अफसरों के साथ भी इस बारे में बैठक की थी।
रेलवे को बताया कि उनके यहां बड़ी संख्या में ठेकेदार काम करते हैं। इसके लिए ठेकेदार संविदा कर्मियों को रखते हैं लेकिन उनके जीपीएफ का पैसा नहीं जमा करते हैं। रेलवे अफसरों को उदाहरण के साथ बताया गया कि रेलवे में जनमानस नाम की एक फर्म है, जिसने 2011 में 30 कर्मचारियों के लिए कोड लिया था लेकिन आज तक इन कर्मचारियों के जीपीएफ की रकम फर्म नहीं जमा नहीं की। बैठक में विभागों से कहा गया कि वे अपने यहां सीधे या ठेकेदारों के माध्यम से काम कर रहे ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार करें ताकि कर्मचारियों को समाजिक सुरक्षा के तहत अनिवार्य रूप से जीपीएफ का लाभ दिया जा सके।