पढ़े खाएं स्कूल में, पानी पिएं घर पर..
गोंडा: स्कूल संचालन को पांच वर्ष हो गए हैं लेकिन आज तक पेय जल की व्यवस्था ही नहीं हो पाई है। जिससे बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं, खाना खाते हैं लेकिन पानी पीने के लिए वापस घर जाना पड़ता है। यह हाल तब है जब बेसिक शिक्षा विभाग ने पांच साल पहले ही इंडिया मार्का हैंडपंप लगाने के लिए जल निगम को धनराशि जारी कर दी थी। मगर इसको लेकर दोनों विभागों के जिम्मेदारों को इसका ध्यान ही नहीं रहा। अब चुनाव में बूथ बनने पर अफसरों की नींद टूटी हैं तो पुराने हिसाब को लेकर नई बहस छिड गई है। दोनों एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगाकर अपने को सही साबित करने में लगे हुए हैं।
27 फरवरी को विधान सभा के लिए जिले में मतदान होना है। इसमें बूथ बनाए गए परिषदीय स्कूलों की जांच की गई तो 29 स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था न होने की बात सामने आई। जबकि से विद्यालय वित्तीय वर्ष 2011-12 में बनाए जाने के लिए स्वीकृत हुए थे लागत बढ़ जाने के कारण दूसरे वित्तीय वर्ष में इनका निर्माण कार्य पूरा हुआ। इसमें जलापूर्ति की व्यवस्था कराने के लिए 32 हजार रुपये के हिसाब से विभाग ने जल निगम को धन आंवटन कर दिया लेकिन अभी विद्यालयों में पानी नहीं पहुंचा है। अब इसको लेकर जिम्मेदारी तय की जा रही है। इसमें बीएसए व अधिशासी अभियंता जल निगम में बड़ा लापरवाह कौन है इसको लेकर ठन गई है।
दोनों एक दूसरे पर लापरवाही का डिकरा फोड रहे हैं।
दी जा चुकी है धनराशि
- नवसृजित स्कूलों में हैंडपंप लगाने के लिए जल निगम को धनराशि काफी पहले दी जा चुकी है लेकिन विद्यालय में जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं कराई गई। ये उनकी लापरवाही है।
- अजय कुमार ¨सह बीएसए
नहीं मिला स्कूल
- बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में हैंडपंप लगाने के लिए धनराशि मिली थी लेकिन उनके द्वारा विद्यालयों की जो सूची दी गई थी वहां उस समय तक स्कूल निर्माण नहीं हुआ था। इसलिए हैंडपंप नहीं मिला। डीएम ने जो सूची दी है। अब वहां लगाया जाएगा।
- राजेंद्र ¨सह अधिशासी अभियंता जल निगम