वाराणसी : इंसपायर अवार्ड' योजना में स्कूलों नहीं दिखाई दिलचस्पी
वाराणसी । बच्चों में वैज्ञानिक रूझान को बढ़ाने के लिए शुरु किए गए 'इंसपायर अवार्ड' योजना के प्रति विद्यालय उदासीन हैं। अब तक सिर्फ 70 विद्यालयों ने अपने बच्चों का आनलाइन नामांकन कराया है, जबकि पिछले साल यह संख्या 450 से अधिक थी। नामांकन की अंतिम तिथि 28 फरवरी है।
इस बार कक्षा 6 से 10 तक के सभी विद्यालयों के लिए इंसपायर अवार्ड स्कीम के तहत नामांकन करना है। पहले पांच साल में एक बार नामांकन कराया जाता था। इंसपायर स्कीम के तहत स्कूल कक्षा 6 से 10 तक के पांच मेधावी छात्रों का नाम चुनकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को भेजते हैं। यहां से इन नामों को केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को भेजा जाता है। विभाग अपने स्तर से दो नामों की स्क्रीनिंग करके निदेशालय के माध्यम से विद्यालयों को भेजता है। चयनित छात्रों को विज्ञान विषय में मॉडल/प्रोजेक्ट बनाने के लिए पांच हजार रूपये की सहायता छात्रवृत्ति के बारे में दी जाती है। राज्य स्तर पर चुने जाने पर 20 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिलती है।
राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होने पर जापान भ्रमण का मौका मिलता है। उनके मॉडल का पेटेंट कराया जाएगा। बंगाली टोला इंटर के कॉलेज के छात्र को इंसपायर अवार्ड के तहत जापान का भ्रमण कर चुके हैं। यह माना जा रहा है कि बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई और आईसीएसई के करीब 1600 विद्यालयों के बच्चों को पंजीकरण कराना है। जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी राय ने बताया है कि ऐसे स्कूलों के चेतावनी दी गई है। अगर उन्होंने नामांकन नहीं कराया तो कार्रवाई होगी।