चुनावी ड्यूटी लगाने में लापरवाही, पे-स्केल को भूला प्रशासन
जागरण संवाददाता, आगरा : विधानसभा चुनाव में अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी में पे-स्केल का ध्यान नहीं रखा गया है। एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसरों की पीठासीन अधिकारी में ड्यूटी लगा दी गई है, जो निर्वाचन आयोग के आदेशों का उल्लंघन है। इसके विरोध में आगरा कॉलेज के शिक्षकों ने ड्यूटी का बहिष्कार किया और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने डीएम को प्रार्थना पत्र के निस्तारण के आदेश दिए हैं।
विस चुनाव में 15 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हैं, जिसमें दो हजार महिला कर्मचारी हैं। आगरा कॉलेज के दो दर्जन से अधिक एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसरों की चुनाव में ड्यूटी लगी है। पे-स्केल नौ हजार के करीब होने के चलते ड्यूटी सेक्टर मजिस्ट्रेट या फिर अन्य में होनी चाहिए, लेकिन ड्यूटी लगाने में जिला प्रशासन ने लापरवाही बरती। कई एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी में लगा दी गई। हद तो तब हो गई जब एसोसिएट प्रोफेसर को असिस्टेंट प्रोफेसर का ड्यूटी पत्र जारी हो गया। शिक्षकों की गरिमा तार-तार होती देख, सभी लामबंद हो गए और पिछले दिनों हाईकोर्ट में याचिका दायर की। छह फरवरी को जस्टिस तरुण अग्रवाल व जस्टिस ए कुमार की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। शिक्षक पक्ष के वकील का कहना था कि निर्वाचन आयोग द्वारा पे-स्केल के हिसाब से ड्यूटी लगानी चाहिए, जबकि जिला प्रशासन ने नियमों को दरकिनार करते हुए सेक्टर मजिस्ट्रेट या फिर अन्य पद पर ड्यूटी लगाने के बदले पीठासीन अधिकारी में लगा दी है। मामले की जब शिकायत अधिकारियों से की गई तो समय रहते ठोस निर्णय नहीं लिया गया। कोर्ट ने डीएम को मामले के निस्तारण के आदेश दिए। आगरा कॉलेज के विधि संकाय के अध्यक्ष डॉ. एसके दुबे ने बताया कि शिक्षकों की गरिमा से खिलवाड़ हुआ है। पीठासीन अधिकारी पर नौ हजार पे-स्केल के शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती है। डीएम गौरव दयाल ने बताया कि ड्यूटी न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।