आगरा : डीआइओएस कार्यालय में कुर्की को पहुंची टीम, उत्तर पुस्तिका गुम होने के मामले में हुआ था एक लाख का जुर्माना, वसूली के लिए कोर्ट ने दिया था कुर्की का आदेश
जागरण संवाददाता, आगरा: 30 साल पुराने एक मामले में जुर्माना न चुकाने पर बुधवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कुर्की को टीम पहुंची। डीआइओएस ने टीम से 10 दिन का समय मांगा, लेकिन मोहलत देने से इन्कार कर दिया गया। फोर्स न मिलने के कारण कुर्की नहीं हो सकी।1आगरा कैंट निवासी अधिवक्ता जगदीश प्रसाद जिंदल के बेटे संजीव जिंदल ने 1987 में उप्र बोर्ड से हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। परीक्षा में उनके कम अंक आने पर उन्होंने रीचेकिंग के लिए आवेदन किया। इस पर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उसकी उत्तर पुस्तिका गुम होने की बात कही थी। इसके बाद जगदीश प्रसाद ने विभाग के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने विभाग पर एक लाख रुपये का जुर्माना किया था, लेकिन विभाग ने अभी तक जुर्माना अदा नहीं किया। ब्याज लगाकर अब जुर्माने की कीमत 3.15 लाख हो गई है। इस मामले में जुर्माने की राशि वसूलने के लिए सिविल कोर्ट से कुर्क अमीन राकेश गुर्जर अपनी टीम के साथ कार्यालय में कुर्की के लिए पहुंचे। उन्होंने डीआइओएस जितेंद्र यादव को कोर्ट के आदेश दिखाए। डीआइओएस ने बताया कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और वैसे भी उसका यहां से कोई लेना देना नहीं है। वहीं, अमीन का कहना है कि डीआइओएस ने कुछ दिन की मोहलत मांगी थी, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। फोर्स न होने के कारण कुर्की नहीं हो पाई। फोर्स मिलते ही वो कुर्की के लिए आएंगे। 1सचिव की जीप हो चुकी है कुर्क: वादी अधिवक्ता जगदीश जिंदल ने बताया कि इस मामले में वर्ष 2000 में माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव की जीप कुर्क हुई थी, लेकिन मामले की दोबारा सुनवाई शुरू करा दी गई।
🔵 उत्तर पुस्तिका गुम होने के मामले में हुआ था एक लाख का जुर्माना
🔴 वसूली के लिए कोर्ट ने दिया था कुर्की का आदेश