पूर्व बीएसए के विरुद्ध दस आरोपों पर जांच शुरू
जागरण संवाददाता, बलिया : जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात रहे डा.राकेश ¨सह को कई गंभीर शिकायतों पर चुनाव आयोग द्वारा हटाए जाने के बाद अब राज्यपाल के आदेशानुसार विभिन्न दस आरोपों के विरुद्ध जांच भी शुरू हो गई है। शिक्षा अनुभाग के सचिव अजय कुमार ¨सह के निर्देश पर आरोपों की जांच हेतु अपर शिक्षा निदेशक को जांच अधिकारी नामित किया गया है। मामले में समस्त ¨बदुओं पर जांच कर अधिकारी को एक माह में आख्या उपलब्ध करानी है। ऐसे में बीएसए के विरुद्ध कई गंभीर आरोपों की जांच शुरू होने से विभाग में हड़कंप की स्थिति है। बीएसए पर शासन ने अनियमित स्थानांतरण, संबद्धीकरण, सहायता प्राप्त पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अवैध नियुक्ति आदि के संबंध में प्राप्त शिकायतों को प्रथम ²ष्टया पुष्टित पाने पर जांच गठित की है। गौरतलब है कि जिले से मिली तमाम शिकायतों के क्रम में चुनाव आयोग ने इसी नौ फरवरी को बीएसए को तत्काल प्रभाव से मुख्यालय से संबद्ध कर दिया था। इसका मामला चल ही रहा था कि उच्च न्यायालय में योजित रिट याचिका व अन्य शिकायतों को देख कर शासन ने राज्यपाल के आज्ञा से इनके विरुद्ध जांच बैठा दी है। इस संबंद्ध में पूर्व बीएसए से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल कवरेज एरिया से बाहर था।
आरोपों की फेहरिस्त है लंबी
पहले आरोप में शासन से मनाही के बाद भी इनके द्वारा रुपये की उगाही कर करीब तीन सौ शिक्षकों के स्थानांतरण का मामला है। इसमें कई साक्ष्य भी दिए गए हैं। मामले में पुन: रुपये लेकर शिक्षकों के वेतन देने का भी आरोप है। दूसरे आरोप में भी बिना विभाग की अनुमति के एक ही डिस्पैच नंबर से तीन लोगों के नियम विरुद्ध स्थानांतरण का मामला है। तीसरे में शासन द्वारा निर्धारित शिक्षक भर्ती नियमावली में रोस्टर का अनुपालन न करते हुए धन उगाही कर शिक्षकों को पदोन्नति व तैनाती दी गई है। चौथे में जूनियर हाइस्कूलों व प्राथमिक विद्यालयों में मान्यता समिति की बैठक कराए बिना मान्यता के आदेश निर्गत करने, पांचवे में एडेड जूनियर हाईस्कूलों में बीएसए द्वारा काफी मात्रा में अवैध वसूली कर अपने परिजनों व अन्य लोगों की नियुक्त करने का आरोप है। छठवें में कई शिक्षकों से अवैध वसूली कर मानक के विपरीत 13 वर्षों का भुगतान करने तथा सातवें में सातवें, आठवें व नौवें में भी पूर्व के बीएसए द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराए गए शिक्षकों के वेतन भुगतान का मामला है। दसवें आरोप में शासन के बिना अनुमति के ब्राजील के रियो में आयोजित ओलंपिक में शामिल होने का मामला है। उक्त सभी मामलों में पर्याप्त साक्ष्य भी दिए गए हैं। ऐसे में जांच गठित होने के बाद इसमें कई विभागीय कर्मी भी जो इसमें संलिप्त हैं उनमें हड़कंप की स्थिति है।